महाराष्ट्र के सोलापुर ज़िले के बरशी तालुका के बोरगांव गांव के राजेंद्र तुकाराम चव्हाण ने दस बोरी प्याज़ बेचा और मंडी में उन्हें परिवहन, ढुलाई और तौल करने का पैसा काटने के बाद दो रूपये का चेक दिया गया. चव्हाण ने दो एकड़ खेत में प्याज़ लगाया था. 17 फरवरी को राजेंद्र 10 बोरी प्याज़ सोलापुर के सूर्या ट्रेडर्स के पास ले गए.
दस बोरी प्याज़ का वजन 512 किलो था. लेकिन मानसूनी प्याज़ की कीमतों में गिरावट की वजह से राजेंद्र को एक रुपये प्रति किलो के भाव मिले. वाहन किराया, हमाली और तुलाई के पैसे काटकर दो रुपये का चेक उन्हें दिया गया.
कृषि उपज मंडी समिति के व्यापारी सूर्या ट्रेडर्स ने राजेंद्र को दो रुपए का चेक दिया. यह चेक आठ मार्च 2023 का है. उन्हें इस दो रुपये के चेक को भुनाने के लिए वापस इसी केंद्र पर आना होगा.
राजेंद्र चव्हाण ने इस बारे में कहा, “मैंने जो प्याज़ भेजा था, वह नंबर वन क्वालिटी का था. मुझे उम्मीद थी कि यह आठ से 10 रुपये प्रति किलो के भाव में बिकेगा. लेकिन वास्तव में मुझे प्रति किलो एक ही रुपये का भाव मिला. इससे मेरा ख़र्चा नहीं निकला, मुझे इस बात का बहुत दुख हुआ है.”
चर्चा की वजह ये है कि मंडी में 512 किलो प्याज़ बेचने के बाद भी उन्हें केवल दो रूपये का चेक मिला और उसे कैश कराने के लिए भी उन्हें कुछ दिन बाद मंडी में आना होगा.
राजेंद्र चव्हाण का पूरा परिवार कृषि व्यवसाय में है. उनके परिवार में पत्नी, दो बच्चे, बहू और पोते-पोतियां हैं. चव्हाण ने कहा कि इस घटना से उनके पूरे परिवार को बहुत दुख हो रहा है.