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Wheat Price: बढ़ सकते हैं आटे के दाम! बारिश से गेहूं की फसल को भारी नुकसान, 2,600 करोड़ नुकसान का अनुमान

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चंडीगढ़. पंजाब (Punjab) में पिछले कुछ दिनों से हो रही बारिश से पकने के करीब आ गई गेहूं की फसल (Wheat Crop) को भारी नुकसान पहुंचा है. रिपोर्ट के अनुसार संगरूर, बरनाला, फतेहगढ़ साहिब, पटियाला, जालंधर, अमृतसर, तरनतारन और दक्षिण-पश्चिम पंजाब के जिलों में फसल को नुकसान हुआ है. पंजाब के कृषि विभाग (Agriculture Department of Punjab) ने दो दिन पहले 4 लाख हेक्टेयर भूमि पर गेहूं की फसल को क्षति का अनुमान लगाया था. उधर राज्य भर में लगातार हो रही बारिश के मद्देनजर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान (Bhagwant Mann) ने बेमौसमी बरसात के कारण फसलों, बाग़ों और घरों के नुकसान का जायजा लेने के लिए विशेष गिरदावरी के हुक्म दिए हैं.

पंजाब में गेहूं की फसल को हुए भारी नुकसान के चलते इसकी बाजार में आवक पर भी असर पड़ने की संभावना है. विशेषज्ञ अनुमान जता रहे हैं कि गेहूं की तैयार फसल के खराब होने से बाजार में गेहूं के दामों में उछाल देखने को मिलेगा और आटे के दामों पर इसका सीधा असर पड़ सकता है.

इस सीजन में 34.90 लाख हेक्टेयर में गेहूं की खेती की गई है और बारिश (Rain) शुरू होने तक पिछले सप्ताह तक गेहूं (Wheat Crop) पकने के अंतिम चरण की ओर बढ़ रहा थी. कृषि विशेषज्ञों (Agricultural Experts) ने अधिक दिनों तक मौसम की खराब रहने की स्थिति में कम से कम 10 फीसदी उपज की हानि की भविष्यवाणी की है, जिसका मतलब है कि किसानों को 2,600 करोड़ रुपये का नुकसान होने की संभावना है.

पंजाब कृषि विश्वविद्यालय लुधियाना (Punjab Agricultural University Ludhiana) ने भी अपने वाइस चांसलर डॉ. एसएस गोसाल को जिलों के कृषि विज्ञान केंद्रों से नुकसान की रिपोर्ट देने को कहा गया है.

उन्होंने कहा कि अगर हम मुख्य राजमार्गों और राज्य की सड़कों के किनारे खेतों को देखते हैं तो कुछ इलाकों को छोड़कर हमें आंतरिक क्षेत्रों में नुकसान की पहचान करनी होगी.

राज्य मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार अब तक गुरुवार को औसतन 36.4 मिमी और शुक्रवार को 40.6 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो औसत से 149% अधिक है.

राज्य सरकार चिंतित है क्योंकि देरी से बारिश के कारण पिछले गेहूं के मौसम में फसल को कुल उपज में 13% की हानि हुई थी. राज्य के कृषि विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि हम इस सीजन में भी उत्पादन कम नहीं करना चाहते क्योंकि इससे किसानों पर बोझ पड़ता है क्योंकि उत्पादकता में कमी से आर्थिक नुकसान होता है.

राज्य में कुल अपेक्षित गेहूं उत्पादन के 175 लाख टन के मुकाबले पिछले सीजन में केवल 151 लाख टन का उत्पादन हुआ था. आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार, 2021 के रबी सीजन में, प्रति हेक्टेयर औसत गेहूं की उपज 48.68 क्विंटल थी, जो पिछले सीजन में घटकर 42.07 क्विंटल रह गई थी.

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