नई दिल्ली : दालों के व्यापारियों और मिलरों ने सरकार से अनुरोध किया है कि किसानों को दाल Pigeon peas (Tur dal) उगाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए तुअर दाल का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) बढ़ाया जाए. दाल मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल ने कहा, “दालों का उत्पादन इस साल कम रहा है और इसलिए कीमतें ऊंची रही थीं. सरकार से प्रोत्साहन मिलने से किसानों को फसल चुनने (encourage the farmers to grow the pulse) में मदद मिलेगी.
अरहर और उड़द की कीमतों (Prices of tur dal and urad dal) में पिछले महीने 8-10% की बढ़ोतरी हुई, जिसने केंद्र सरकार को दालों की स्थिति पर नजर रखने के लिए एक समिति गठित करने के लिए प्रेरित किया, हालांकि तब से कीमतों में गिरावट आई है.
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अग्रवाल ने कहा कि अरहर को खेत में मूंग और अन्य दालों की तुलना में अधिक समय लगता है, जो इसे किसानों के लिए सबसे कम पसंदीदा फसल बनाता है. तुअर का एमएसपी भी मूंग (MSP of tur Pulse) से 7755 रुपये प्रति क्विंटल के मुकाबले 6600 रुपये प्रति क्विंटल कम है.
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भारत ने पहले ही विपणन वर्ष 2023-24 में घरेलू मांग को पूरा करने के लिए अरहर दाल (अरहर) tur dal (pigeon peas) का अतिरिक्त आयात करने का फैसला किया है, क्योंकि देश में उत्पादन घटने की उम्मीद है. तुअर का विपणन वर्ष दिसंबर से नवंबर तक होता है.
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तूर मुख्य रूप से पूर्वी अफ्रीकी देशों और म्यांमार से आयात की जाती है. वाणिज्य विभाग की एक अधिसूचना के अनुसार, केंद्र ने पहले 31 मार्च, 2024 तक ‘मुफ्त’ श्रेणी के तहत अरहर और उड़द दालों (Tur Dal and Urad pulses) के आयात को एक और साल के लिए बढ़ा दिया था.