खेत-खलिहान

खेती पर आयोजित कार्यक्रम में इंग्लिश बोल रहा था, नीतीश ने फटकारा- क्या यह इंग्लैंड है?

speaking English in agriculture program Nitish kumar reprimanded is this England

पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी रोमांचक जीवन यात्रा को बयां करने के लिए बहुत अधिक ‘‘अंग्रेजी शब्दों’’ का इस्तेमाल करने पर मंगलवार को बिहार के एक कृषि उद्यमी को नसीहत दी. वक्ता ने बापू सभागार में खुद को लखीसराय के अमित कुमार के रूप में बताया, जहां राज्य सरकार के ‘‘चौथे कृषि रोडमैप’’ के उद्घाटन के अवसर पर एक समारोह आयोजित किया गया था.

अमित कुमार ने अपने वक्तव्य की शुरुआत मुख्यमंत्री की प्रशंसा करते हुए की. कुमार ने कहा कि प्रबंधन की पढ़ाई करने के बाद वह पुणे में नौकरी कर रहे थे, लेकिन सब कुछ छोड़कर उन्होंने अपने पैतृक जिले में मशरूम की खेती करने का साहस जुटाया.

कुछ ही मिनट के भाषण के बाद मुख्यमंत्री ने कृषि-उद्यमी को टोक दिया. उन्होंने कहा, ‘‘मैं कहना चाहता हूं कि इतने सारे अंग्रेजी शब्दों का इस्तेमाल करने का क्या मतलब है. क्या यह इंग्लैंड है? आप बिहार में काम कर रहे हैं, खेती कर रहे हैं जो आम लोगों का पेशा है.’’ मुख्यमंत्री के ऐसा कहने के साथ भीड़ ने ताली बजाकर सराहना की.

मातृभाषा पर जोर देने वाले कद्दावर समाजवादी नेता राम मनोहर लोहिया के अनुयायी नीतीश ने यह भी विचार व्यक्त किया कि ‘‘कोविड के कारण लागू लॉकडाउन के दौरान स्मार्टफोन की लत के कारण कई लोग अपनी भाषाओं को भूलने लगे.’’

हड़बड़ाए हुए वक्ता ने फिर से बोलना शुरू किया, लेकिन कुछ सेकंड बाद ‘‘गवर्नमेंट स्कीम’’ शब्द के इस्तेमाल पर मुख्यमंत्री ने उन्हें झिड़की लगा दी.

नीतीश ने कहा, ‘‘यह क्या है? क्या आप सरकारी योजना नहीं कह सकते? मैं प्रशिक्षण प्राप्त इंजीनियर हूं और मेरी शिक्षा का माध्यम अंग्रेजी था. लेकिन अकादमिक गतिविधियों के लिए भाषा का उपयोग करना दूसरी बात है. आपको अपने दैनिक जीवन में ऐसा क्यों करना चाहिए?’’ लखीसराय के प्रतिनिधि ने फिर से अपनी बात शुरू करने से पहले ‘सॉरी’ कहा.

बहरहाल, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अपने पूर्व सहयोगी जनता दल (यूनाइटेड) के नेता नीतीश पर हमला करने से नहीं चूकी. प्रदेश भाजपा के नेता और पार्टी के ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय महासचिव निखिल आनंद ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अंग्रेजी भाषा से नाराज हैं या वंचित वर्ग द्वारा इसके इस्तेमाल के कारण?सार्वजनिक संबोधन में अंग्रेजी शब्दों के इस्तेमाल पर उनकी आपत्ति बिल्कुल हास्यास्पद है.’’

कुमार की ‘‘राष्ट्रीय महत्वाकांक्षाओं’’ का परोक्ष रूप से हवाला देते हुए भाजपा नेता ने कहा, ‘‘दिन में सपने देखने के जुनून में बहकर नीतीश जी राजनीतिक उन्माद से ग्रस्त हैं.’’ हालांकि, कुमार ने कहा है कि वह प्रधानमंत्री पद के दावेदार नहीं हैं.

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