उत्तराखंड

कृषि क्षेत्र में ड्रोन तकनीकी का बढ़ावा देने को युवाओं को मिलेगा प्रशिक्षण, 12वीं पास को ​मौका

उत्तराखंड: कृषि क्षेत्र में ड्रोन तकनीकी को बढ़ावा देने के लिए युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा. इसके लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के अधीन भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान और ड्रोनियर एविगेशन प्राइवेट लिमिटेड के बीच एमओयू के हस्ताक्षर किए गए. जिसमें 12वीं पास युवाओं को ड्रोन उड़ाने का रिमोट पायलट प्रशिक्षण दिया जाएगा.

इस मौके पर संस्थान के निदेशक ने बताया कि पेशेवर क्षमता निर्माण की दिशा में सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) में पहला एमओयू है। जिसमें युवाओं को कृषि क्षेत्र में ड्रोन तकनीक को बढ़ावा देने के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा.

ड्रोन समिति के अध्यक्ष डॉ. ओजस्वी ने देश में विशेष रूप से कृषि उपयोग पर जोर देते हुए ड्रोन पायलट प्रशिक्षण की क्षमता पर बात की.

उन्होंने बताया कि इस तरह की ड्रोन पायलट प्रशिक्षण सुविधाएं देश में बहुत सीमित हैं। उत्तराखंड में यह अपनी तरह की पहली सुविधा होगी. बता दें कि धामी सरकार का दावा है कि आने वाले 2030 तक उत्तराखंड में ड्रोन उत्पादन और सेवाओं से 5000 युवाओं को रोजगार मिलेगा

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