उत्तराखंड देश का पहला ऐसा राज्य बनने जा रहा है जो कि अपना समान नागरिक संहिता लागू करने जा रहा है. धामी सरकार की ओर से यूसीसी को लेकर बनाई गई ड्राफ्ट कमेटी ने मसौदा तैयार कर लिया है. जो कि अब कुछ ही दिनों में इसे सरकार को सौंपने जा रही है.
इसके बाद धामी सरकार विशेष सत्र बुलाकर इसे जुलाई में लागू कर सकती है. अब इस बात को लेकर बहस शुरू हो गई है कि उत्तराखंड के यूसीसी में क्या सिफारिशें की गई हैं जो कि पूरे देश के लिए एक उदाहरण बन सकता है. उत्तराखंड में लागू होने के बाद ये भाजपा शासित कई राज्यों में लागू किया जा सकता है.
उत्तराखंड ने समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए बनाई गई समिति ने अपना काम पूरा कर लिया है. सुप्रीम कोर्ट की पूर्व न्यायाधीश और मसौदा तैयार करने वाली एक्सपर्ट कमेटी की प्रमुख जस्टिस रंजना प्रकाश ने इसकी जानकारी दी. इसके बाद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी इस बात की जानकारी दी कि ड्राफ्ट बनाने का काम पूरा हो चुका है. इसे जल्द ही लागू किया जाएगा.
- एक्सपर्ट कमेटी की प्रमुख जस्टिस रंजना प्रकाश ने कहा है कि इसमें लैंगिक समानता के साथ ही भेदभाव को खत्म कर सभी वर्गों को समान स्तर पर लाने का प्रयास किया है.
- यूसीसी के मसौदे को लेकर अब तक जो मीडिया रिपोर्ट्स सामने आई है कि उसके अनुसार सूत्रों का दावा है कि कमेटी की रिपोर्ट में एलजीबीटीक्यू़ समुदाय के अधिकारों पर विचार किया है. लेकिन सिफारिश नहीं की जा सकती है. समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने का मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में है.
- सूत्रों के हवाले से ये भी कहा जा रहा है कि यूसीसी में लिव इन रिलेशनशिप को लेकर सख्ती, परिवार को इसकी जानकारी ऐसे रिश्तों से पैदा होने वाले बच्चों को अधिकार शामिल है.
- माना जा रहा है कि सेक्स के लिए सहमति की उम्र, कम उम्र में बच्चे के जन्म जैसे मुद्दों को ध्यान में रखा है.
- महिलाओं के लिए शादी की उम्र बढ़ाने को लेकर भी ड्राफ्ट में सिफारिश की गई है. जो कि 21 साल करने की बात सामने आ रही है.
- दावा है कि समिति ने महिलाओं, बच्चों और दिव्यांग व्यक्तियों को ध्यान में रखते हुए लैंगिक समानता सुनिश्चित करने पर जोर दिया है. भेदभाव को खत्म कर सभी को एक समान स्तर पर लाने का प्रयास किया है.
- सूत्रों के अनुसार कमेटी ने संपत्ति के अधिकार, विवाह उत्तराधिकार और गोद लेने की प्रक्रिया पर अपनी सिफारिशें दी हैं.
- सभी धर्मों की महिलाओं को पैतृक संपत्ति में समान अधिकार, बहु विवाह पर रोक की सिफारिश की गई है.
- यूसीसी के अनुसार शादी का रजिस्ट्रेशन जरूरी होना चाहिए. नहीं तो सरकारी सुविधाओं का फायदा न मिले.
- यूसीसी में तलाक पर महिला और पुरुष को समान अधिकार देने जैसे सुझाव हो सकते हैं