उत्तराखंड: 4 जुलाई से शुरू हो रही कांवड़ यात्रा के लिए इस बार सरकार और प्रशासन की ओर से तैयारियां पूरी कर ली गई है. कांवड़ यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं पर हेलीकाप्टर से पुष्प वर्षा की जाएगी. इस बार यात्रा में पांच करोड़ से अधिक कांवड़िये आने का अनुमान है. इस बार यात्रा में क्यू आर कोड का एक नया प्रयोग किया जा रहा है. जिसके जरिए कांवड़ियों को पूरी जानकारी मिलती रहेगी.
क्यूआर कोड स्कैन करते ही हरिद्वार में पार्किंग, रूट, गंगा घाट, खोया पाया केंद्र जैसी अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां मालूम हो जाएंगी। क्यूआर कोड के जरिए हरिद्वार पुलिस अधिकारियों समेत नोडल अधिकारी कांवड़ के नोडल अधिकारी और अन्य सभी जरूरी नंबर आसानी से प्राप्त हो
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार क्यूआर कोड कांवड़ यात्रा की वेबसाइट से लिंक किया गया है. कोड को स्कैन करने के बाद कांवड़ यात्रा की ऑफिशियल वेबसाइट से लिंक हो जाएंगे . हरिद्वार में प्रशासन की ओर से कांवड को देखते हुए 60 हजार वाहनों की क्षमता के लिए 13 पार्किंग स्थल बनाये गये हैं.
इसके अलावा विशेष परिस्थितियों के लिए 03 अतिरिक्त पार्किंग स्थल आरक्षित हैं। पूरे मेला क्षेत्र में 21 स्वास्थ्य कैम्प लगाये जा रहे हैं. कांवड़ मेले की जो एसओपी बनाई गई है, उसके अनुसार कोई भी कांवड़ 12 फीट से ऊंची नहीं होगी.
कांवड़िये कोई भी ऐसी सामग्री अपने साथ लेकर नहीं चलेंगे. जिससे नुकसान पहुंचने की संभावना हो तथा व्यापारी बन्धु भी इस तरह की कोई भी सामग्री की बिक्री नहीं करेंगे. कांवड़ियों को निर्धारित ध्वनि प्रदूषण के नियमों का पालन करना होगा. कांवड़ मेले को 12 सुपर जोन, 32 जोन और 134 सेक्टरों में बांटा गया है. जिसके पूरे संचालन के लिये पांच नोडल अधिकारी नामित किये गये हैं.