अधिकारियों ने बताया कि बाघ के हमले में दो लोगों के मारे जाने के बाद सोमवार को उत्तर भारत में सैकड़ों ग्रामीणों को अंधेरा होने के बाद अपने घरों से बाहर नहीं निकलने का आदेश दिया गया था. पिछले हफ्ते भारत ने कहा था कि जंगली बाघों की आबादी 3,000 से अधिक हो गई है, लेकिन बढ़ती संख्या के साथ निवास स्थान का नुकसान और शहरी विस्तार अधिक हमलों का कारण बन रहे हैं.
रविवार को जारी कर्फ्यू ने पहाड़ी राज्य उत्तराखंड के दो जिलों में शाम 7:00 बजे से सुबह 6:00 बजे के बीच लोगों के बाहर जाने पर प्रतिबंध लगा दिया.
सोमवार से दो दिन के लिए स्कूल भी बंद कर दिए गए हैं.
अधिकारियों ने कहा कि पहली मौत गुरुवार को हुई और दूसरी रविवार को हुई लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि दोनों हत्याओं में एक ही बाघ शामिल था या नहीं. वन अधिकारी स्वप्निल अनिरुद्ध ने एएफपी को बताया, “हमें 10 अप्रैल को क्षेत्र में एक बाघ के बारे में अलर्ट मिला था. हम लगातार क्षेत्र की निगरानी कर रहे हैं.”
अनिरुद्ध ने कहा, “हमारे सशस्त्र कर्मचारी भी घटनास्थल पर हैं. इस क्षेत्र में जंगली शिकार की संख्या कम है, इसलिए मनुष्य और मवेशी आसान लक्ष्य हैं.”