उत्तराखंड

केदारनाथ: सोना या पीतल विवाद, गरमाई राजनीति, कांग्रेस ने जताई टैक्स चोरी की आशंका

उत्तराखंड: केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह में सोने की परत को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है. तीर्थ पुरोहित के गंभीर आरोप के बाद अब इस मुददे पर राजनीति भी शुरू हो गई है. बद्री केदार मंदिर समिति के पूर्व अध्यक्ष, कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने इस मामले को एक नया रंग दे दिया है. गोदियाल ने आशंका जताई कि ये कहीं कर चोरी का मामला तो नहीं.

गणेश गोदियाल ने कहा कि जब गर्भगृह को स्वर्ण मंडित किया जा रहा था, तब बीकेटीसी ने कहा कि एक दानी की ओर से 230 किलो सोना दान दिया जा रहा है. लेकिन जब सोशल मीडिया पर सोने की गुणवत्ता पर सवाल उठे, तब बीकेटीसी ने केवल 23 किलो सोने की बात कही. गणेश गोदियाल ने सरकार से एसआईटी गठित कर इसकी जांच कराए जाने की मांग की है. गोदियाल ने कहा यह मामला 80.जी आयकर प्रमाणपत्र का है.

उन्होंने कहा कि वर्ष 2005 में भी इसी कारोबारी ने 50 किलो सोना बदरीनाथ के लिए दिया था. बाद में सोने का रंग उतर गया और तांबा दिखाई देने लगा. उन्होंने आरोप लगाया कि जब मंदिर समिति की ओर से 23 किलो सोना दान दिया जाना अपने रजिस्टर में दर्ज किया गया और 80 जी का सर्टिफिकेट दिया गया. तब प्राप्त सोने की किसी विशेषज्ञ से जांच क्यों नहीं कराई गई. उन्होंने कहा कि सोने की परत उतरने पर अब एक्रेलिक शीट लगाई जा रही है.

उन्होंने सवाल उठाया कि अगर गर्भ गृह में वाकई में सोना लगा था तो वह मात्र तीन माह में पानी से कैसे उतर गया, उन्होंने इस मामले में एसआईटी गठित कर जांच कराए जाने की मांग की है. उधर कांग्रेस के आरोपों का भाजपा ने पलटवार किया है. भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता सुरेश जोशी ने कांग्रेस के आरोपों का जबाव देते हुए कहा कि जिस दानदाता ने केदारनाथ में स्वर्णंजड़ित प्लेटें लगवाईं, उसी ने 2005 में तत्कालीन कांग्रेस शासनकाल में बदरीनाथ मंदिर में सोना दान किया था. तब कांग्रेस को कोई आपत्ति नहीं हुई. ऐसे में कांग्रेस इस पूरे मामले को तूल देकर राजनीति कर रही है.

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