नोएडा : भारत में निर्मित कफ सीरप (Cough Syrup) के सेवन से उज्बेकिस्तान में कथित रूप से 18 बच्चों की मौत का मामला सामने आने के बाद उत्तर प्रदेश के खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन ने नोएडा स्थित मैरियन बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड (Noida, Marion Biotech Pvt Ltd) का ड्रग लाइसेंस रद्द कर दिया है. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.
उन्होंने बताया कि दवा कंपनी से 36 नमूने चंडीगढ़ स्थित क्षेत्रीय औषधि परीक्षण प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजे गए थे. अधिकारियों ने बताया 22 नमूने जांच में मानकों पर खरा नहीं उतरे. उन्होंने कहा कि कफ सीरप के कई नमूनों में डायथिलीन ग्लाइकॉल और एथिलीन ग्लाइकॉल (Diethylene Glycol and Ethylene Glycol) की मात्रा अधिक पाई गई.
गौतम बुद्ध नगर के औषधि निरीक्षक वैभव बब्बर ने बताया कि ई-मेल के माध्यम से उत्तर प्रदेश के खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन (Food Safety & Drug Administration, Government of Uttar Pradesh) ने कंपनी का लाइसेंस रद्द होने की जानकारी दी है.
सहायक पुलिस आयुक्त (सेंट्रल नोएडा) अमित प्रताप सिंह (Assistant Commissioner of Police (Central Noida) Amit Pratap Singh) ने बताया कि दवा कंपनी के निदेशकों में शामिल जया जैन और सचिन जैन की तलाश जारी है.
गौतमबुद्ध नगर के ड्रग इंस्पेक्टर वैभव बब्बर (Gautam Buddha Nagar Drug Inspector Vaibhav Babbar) ने कहा कि निरीक्षण के दौरान, कंपनी के प्रतिनिधि ‘डॉक -1 मैक्स’ खांसी की दवाई (Doc-1 Max Cough Syrup) के उत्पादन से संबंधित दस्तावेज पेश नहीं कर सके, जिसके कारण सरकार ने इसके उत्पादन को तुरंत रोकने का आदेश दिया.
प्राइवेट डॉक्टर करते रह गए विरोध, सरकार ने पारित कर दिया ये विधेयक, आम आदमी को होगा फायदा
पीटीआई ने बब्बर के हवाले से कहा, “फर्म का उत्पादन लाइसेंस निलंबित है, जैसा कि 29 दिसंबर को आदेश दिया गया था. अब निलंबन आदेश 10 जनवरी को फर्म को लिखित रूप में जारी किया गया है और फर्म द्वारा स्वीकार किया गया है.”
जांच के नतीजों की स्थिति के बारे में अधिकारी ने कहा कि नमूने केंद्रीय एजेंसियों ने लिए थे और उनके नतीजे अभी आने बाकी हैं.
मैरियन बायोटेक ने भारत में खांसी की दवाई ‘डॉक -1 मैक्स’ नहीं बेची और इसका एकमात्र निर्यात उज्बेकिस्तान को किया गया है, बब्बर ने पहले पीटीआई को बताया था और अनुमान लगाया था कि कंपनी ने 45 दिनों में लगभग 1 लाख सिरप का निर्यात किया है.