उत्तराखंड की चार धाम यात्रा के दौरान इस बार मौसम के बदले रुख ने सबसे बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है. मौसम का रुख बदला हुआ है. लगातार बन रहे पश्चिमी विक्षोभ के असर के कारण पहाड़ों में बारिश और बर्फबारी हो रही है. पहाड़ों पर ठंड रिकॉर्ड तोड़ रहा है. केदारनाथ में शुक्रवार को भी अधिकतम तापमान 7 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है, जो जून में रिकॉर्ड ही माना जा रहा है.
बादल, बारिश और बर्फबारी के बीच श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती जा रही है. केदारनाथ धाम में ठहरने की सीमित संख्या के बावजूद हर रोज उससे कई गुना ज्यादा यात्री पहुंच रहे हैं. मई के अंत तक 19 लाख 91 हजार 257 तीर्थयात्री चारों धामों के दर्शन कर चुके हैं. यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए अब 24 घंटों में से 22 घंटे बाबा केदार के दर्शन करवाए जा रहे हैं. रात के 11 बजे से सुबह के 7 बजे तक भी दर्शन करवाए जा रहे हैं.
चारों धामों में बीच-बीच में बारिश और बर्फबारी हो रही है। केदार यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन भी रोके जा रहे हैं. चारधाम यात्रा के दौरान इस बार मौतों का आंकड़ा भी लगातार बढ़ रहा है. प्रशासन लगातार तीर्थयात्रियों से मौसम की जानकारी लेकर ही यात्रा में आगे बढ़ने की अपील कर रहा है.
केदारनाथ मार्ग पर मई में ही कुबेर गदेरा के पास भारी मात्रा में ताजा बर्फ नीचे खिसक कर सड़क पर जमा हो गई. यहां बर्फ खिसकने की घटना भी हुई. यह घटना आसपास के दो गधेरों में हुई. बीच में एक टापू बच गया, जिस पर नेपाल के चार लोग फंस गए। पुलिस और एसडीआरएफ ने रस्सियों के सहारे उन्हें सुरक्षित निकाला.
उत्तराखंड में बारिश ने भी चारधाम यात्रियों की मुश्किलें बढ़ा दी है. पिछले दिनों बारिश के बाद यमुनोत्री धाम से 25 किलोमीटर पहले रानाचट्टी के पास हाइवे का 15 मीटर हिस्सा धंस गया. उत्तराखंड की चारधाम यात्रा के बीच यात्रियों के लिए हिमालय के नाजुक पहाड़ हमेशा खतरा बनते रहे हैं. लगातार हो रहे भूस्खलन, कस्बों का धंसना और बेतरतीब निर्माण और यात्रियों की बढ़ती संख्या का वजन उत्तराखंड के पहाड़ सह नहीं पा रहे। चारधाम यात्रा में गए यात्रियों को मौसम की अनिश्चितता से भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.