ऋषिकेश: केंद्रीय पेट्रो रसायन अभियांत्रिकी और प्रौद्योगिकी संस्थान (CIPET) जल्द विस्तार लेगा. संस्थान के समीपवर्ती आरक्षित वन क्षेत्र की लगभग 35 बीघा जमीन सिपेट को मिल गई है. निर्माण कार्य में बाधा आने वाले पेड़ों के कटान की स्वीकृति मिलनी है. भूमि मिलने से नए संस्थान में नए पाठ्यक्रम शुरू होने की उम्मीद है.
डोईवाला सौंग नदी के समीप स्थित सिपेट संस्थान को शत प्रतिशत रोजगार देने वाला संस्थान कहा जाता है. डोईवाला के विधायक रहते हुए 2018 में तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने केंद्रीय संस्थान सिपेट की स्थापना कराने में भूमिका निभाई थी. वर्तमान में संस्थान में दो कोर्स संचालित किए जा रहे है. कोर्स करने वाले छात्र-छात्राओं को नौकरियां भी मिल रही है.
संस्थान के कई छात्र-छात्राओं का प्लेसमेंट विदेशों में हुआ है. संस्थान पिछले दो साल से विस्तार के लिए प्रयासरत है. केंद्र सरकार की ओर से सिपेट संस्थान के लिए देहरादून वन प्रभाग की लच्छीवाला वन रेंज के अंतर्गत जौली कक्ष संख्या एक के आरक्षित वन क्षेत्र में 2.72 हेक्टेयर यानी लगभग 35 बीघा जमीन चिह्नित कर दी जा रही है. भूमि मिलने से सिपेट संस्थान को विस्तार मिलेगा.
घनानंद उनियाल, वन क्षेत्राधिकारी, लच्छीवाला ने कहा कि सिपेट संस्थान के लिए 2.72 हेक्टेयर जमीन केंद्र सरकार द्वारा दी गई है. आरक्षित वन क्षेत्र की जमीन का चिह्नीकरण कर निर्माण कार्य में बाधा बनने वाले पेड़ों के कटान की स्वीकृति मिलनी है. इन दिनों सभी औपचारिकताओं को पूरा किया जा रहा है. –
सिपेट के संयुक्त निदेशक अभिषेक राजवंश ने बताया कि सिपेट का विस्तार के लिए भूमि चिह्नित है. सभी औपचारिकताओं को पूरा होने के बाद निर्माण कार्य शुरू कराया जा सकेगा. सिपेट को विस्तार मिलने पर कोर्स में भी बढ़ोतरी हो सकेगी.