उत्तराखंड

उत्तराखंड: जसवंतगढ़ के नाम से जाना जाएगा लैंसडौन, रक्षा मंत्रालय लगाएगा मुहर!

उत्तराखंड का ऐतिहासिक और पर्यटन शहर लैंसडोन अब जसवंतगढ़ के नाम से जाना जाएगा. इसके लिए छावनी परिषद की ओर से पहल शुरू हो गई है. छावनी परिषद ने लैंसडौन का नाम परिवर्तित कर जसवंतगढ़ करने का सुझाव रक्षा मंत्रालय को भेजा है.

रक्षा मंत्रालय ने पूर्व में छावनी बोर्ड से नाम बदलने संबंधी सुझाव मांगा था. छावनी बोर्ड की बैठक में लैंसडौन का नाम वीर शहीद जसवंत सिंह के नाम से जसवंतगढ़ करने का प्रस्ताव पारित किया गया.

बताया गया कि लैंसडौन नगर का नाम हीरो ऑफ द नेफा महावीर चक्र विजेता शहीद राइफलमैन बाबा जसवंत सिंह रावत के नाम पर जसवंतगढ़ करने का प्रस्ताव पारित किया गया है. हालांकि स्थानीय जनता शहर का नाम बदलने का विरोध कर रही है.

लेकिन भारत चीन युद्ध के महानायक वीर जसवंत सिंह के नाम पर जसवंतगढ़ का नाम करने पर सहमति बनाई जा सकती है. पौड़ी जिले के बीरोंखाल ब्लॉक के दुनाव ग्राम पंचायत के बाड़ियूं गांव में 19 अगस्त 1941 को जसवंत सिंह रावत का जन्म हुआ था. जिस समय वे शहीद हुए उस समय वह गढ़वाल राइफल्स की चौथी बटालियन में सेवारत थे. 1962 का भारत चीन युद्ध अंतिम चरण में था.

चीनी सैनिक अरुणाचल प्रदेश के तवांग से आगे तक पहुंच गए थे. भारतीय सैनिक भी चीनी सैनिकों का डटकर मुकाबला कर रहे थे. जसवंत सिंह रावत सेला टॉप के पास की सड़क के मोड़ पर तैनात थे।72 घंटे तक चीनी सेना को रोककर अंत में 17 नवंबर 1962 को वह वीरगति को प्राप्त हुए. मरणोपरांत वह महावीर चक्र से सम्मानित हुए.

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