उत्तराखंड में समूह ‘ग’ की परीक्षाओं (Uttarakhand Group C examinations) में तत्काल प्रभाव से साक्षात्कार की व्यवस्था समाप्त होगी. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ये घोषणा हल्द्वानी में आयोजित आभार रैली में की. उन्होंने कहा कि सरकार यह भी फैसला लेने जा रही है कि उच्च पदों में जहां साक्षात्कार जरूरी है, जैसे पीसीएस या अन्य उच्च पद वहां भी साक्षात्कार का प्रतिशत कुल अंकों के 10 प्रतिशत से ज्यादा नहीं रखा जाएगा और भर्ती में सुधार की प्रक्रिया जारी रहेगी.
बुधवार को आयोजित सभा में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) ने कहा कि समय-समय पर ऐसी शिकायतें मिलती हैं कि साक्षात्कार में किसी को बहुत ज्यादा अंक दिए गए या किसी अभ्यर्थी को बहुत कम अंक. इन्हीं शिकायतों को ध्यान में रखते हुए और परीक्षा सुधार की प्रक्रिया के तहत कई लोगों के सुझाव भी आए. इनमें से एक सुझाव साक्षात्कार के अंकों को पारदर्शी प्रक्रिया के तहत दिए जाने की व्यवस्था की जानी चाहिए था.
सीएम ने कहा कि हमारी सरकार यह फैसला भी लेने जा रही है कि साक्षात्कार में किसी भी अभ्यर्थी को 40 प्रतिशत से कम और 70 प्रतिशत से अधिक अंक दिए जाते हैं तो साक्षात्कार लेने वाले व्यक्ति या बोर्ड को इसका स्पष्ट कारण भी बताना होगा. अब किसी भी तरह की मनमानी नहीं चलेगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष-2008 में हमारी सरकार ने समूह ग को लोक सेवा आयोग से बाहर कर भर्तियों में साक्षात्कार की व्यवस्था समाप्त की थी. पर ये नियम पूरी तरह से लागू नहीं हो पाया था. अब सरकार ने इस दिशा फैसला लिया है. इसमें तकनीकी और गैर तकनीकी पद भी शामिल होंगे. इससे पहले भाजयुमो ने नकल विरोधी कानून लागू होने पर मुख्यमंत्री का आभार जताया. रैली संयोजक व कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा ने कहा कि यहां का युवा भटकने वाला नहीं है.
सरकार लगातार मातृशक्ति को और सशक्त करने और युवाओं के हितों के लिए कार्य कर रही है. वर्ष-2022 में जो वायदे किए थे, उन्हें 2027 तक पूरा किया जाएगा. रैली की अध्यक्षता कर रहे भाजयुमो प्रदेश अध्यक्ष शशांक रावत ने कहा कि देश में 2000 से 2014 तक सब कुछ ठप था. केंद्र में मोदी सरकार आने के बाद तेजी से विकास शुरू हुआ. रैली को संयोजक व प्रदेश महामंत्री राजेंद्र सिंह बिष्ट, विधायक बंशीधर भगत, त्रिलोक सिंह चीमा समेत अन्य नेताओं ने भी संबोधित किया.