उत्तराखंड के चमोली जिले का वो गांव जो खूबसूरत वादियों से घिरा है. समुद्र तल से लगभग 11 हजार मीटर की ऊंचाई पर स्थित वो गांव जो छह माह बर्फ से ढका रहता है. जिस गांव की हम बात कर रहे है उस गांव का नाम है माणा. जिस गांव की पहचान देश के आखिरी गांव से थी, आज वही गांव देश का पहला गांव बन गया है. सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने सोमवार को सीमावर्ती गांव की सीमा पर एक साइन बोर्ड भी लगा दिया. जिसमें लिखा गया है भारत का प्रथम गांव माणा.
बता दें कि पिछले वर्ष मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का माणा में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था. जिसमें मुख्यमंत्री ने माणा गांव को देश का पहला गांव कहे जाने की बात कही थी. इस पर पीएम मोदी ने मुहर लगाई थी. और कह था कि ‘अब तो सीमा पर बसा हर गांव देश का पहला गांव है. पहले जिन क्षेत्रों को नज़र अंदाज किया जाता था, हमने वहां से ही विकास कार्यों की शुरूआत हुई है.’
बद्रीनाथ धाम से लगभग तीन किलोमीटर दूर माणा गांव पर्यटकों के लिए हमेशा से आकर्षण का केंद्र रहा है। बद्रीनाथ धाम पहुंचने वाले तीर्थयात्री माणा गांव को देखने भी जरूर पहुंचते हैं.