उत्तराखंड: सरकारी जमीनों पर धीरे-धीरे होने वाले अवैध कब्जे और अवैध निर्माण अब सेटेलाइट से पकड़े जाएंगे। सीएम पुष्कर सिंह धामी के निर्देश के बाद आईटीडीए व यूसैक ने इस पर काम शुरू कर दिया है. सभी विभाग अपनी जमीनों के रजिस्टर और डिजिटल इन्वेंटरी तैयार कर रहे हैं.
खास बात ये है कि अब 25 सेंटीमीटर ऊंचाई तक के अवैध कब्जों की तस्वीर साफ हो सकेगी. पिछले दिनों सीएम ने सभी विभागों की जमीनों से अवैध कब्जे हटाने के लिए विशेष प्रयास करने, सेटेलाइट का इस्तेमाल करने के निर्देश दिए थे. बड़े पैमाने पर सरकारी जमीनों को अवैध कब्जों से बचाने के लिए शासन ने एक आदेश जारी किया था.
इसके तहत राजस्व परिषद के अध्यक्ष की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय और सभी जिलों के डीएम की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समितियों का गठन किया गया है. इसी आदेश के तहत उत्तराखंड अंतरिक्ष उपयोग केंद्र (यूसैक) और सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेंसी (आईटीडीए) ने काम शुरू कर दिया है.
एक ऐसा पोर्टल तैयार किया जा रहा, जो हर तिमाही प्रदेश की सभी सरकारी जमीनों का सेटेलाइट डाटा लेगी. वेबसाइट से उसका मिलान होगा. जहां भी अवैध कब्जे होंगे, वहां के लिए यह सॉफ्टवेयर अलर्ट जारी कर देगा. उस अलर्ट के हिसाब से संबंधित जिले की टीम अवैध कब्जे हटाएगी और उसी वेबसाइट पर रिपोर्ट देगी.
सरकारी जमीनों का अपना यूनिक नंबर होगा. सभी विभाग अपनी भूमि संपत्ति का रजिस्टर बनाएंगे. सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटाने के लिए जिला स्तर पर डीएम की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई है. तकनीकी मदद के लिए राजस्व परिषद में अलग प्रकोष्ठ बनाया गया है. राज्य स्तर पर मुख्य सचिव के स्तर पर कमेटी गठित की गई है. दोनों कमेटियां अतिक्रमण हटाने के लिए की गई कार्रवाई की नियमित निगरानी रखेंगी.
हमने यूसैक में सेटेलाइट इमेजनरी का काम शुरू कर दिया है. सेटेलाइट से मिलने वाला डाटा हर तिमाही सरकारी जमीनों पर होने वाले अवैध निर्माण व कब्जों की जानकारी देगा, जिसका अलर्ट जारी होगा. आईटीडीए व यूसैक मिलकर काम कर रहे हैं। -नितिका खंडेलवाल, निदेशक, आईटीडीए व यूसैक