उत्तराखण्ड: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को सचिवालय से वर्चुअल माध्यम से देवप्रयाग स्थित केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के रघुनाथ कीर्ति परिसर में स्वामी करपात्री जी महाराज के स्मृति में वेद शास्त्र अनुसंधान केंद्र का उद्घाटन किया.
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह देवभूमि के लिए गौरवपूर्ण उपलब्धि है कि संस्कृत के क्षेत्र में श्री रघुनाथ कीर्ति परिसर बहुत कम समय में बड़ा नाम बन गया है. यह परिसर केंद्र सरकार की उत्तराखण्ड को बड़ी सौगात है. देव वाणी संस्कृत के प्रचार और प्रसार के लिए ऐसे विश्व विद्यालय महत्वपूर्ण हैं. आशा है क़ि यहां अध्ययन करने वाले छात्र स्वामी करपात्री जी महाराज की तरह ही दृढ़संकल्पी, एवं त्यागी बनेंगे. युवाओं को स्वामी करपात्री जी महाराज से त्याग, संकल्पबद्धता और धर्म रक्षा की प्रेरणा लेने की आवश्यकता है.
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि हम चाहते हैं कि प्राचीन ज्ञान के क्षेत्र में प्रसिद्ध उत्तराखण्ड की आध्यात्मिक भूमि अपने वैभव को पुनः प्राप्त करे और हमारी संस्कृति और संस्कृत का प्रचार प्रसार हो. इसके लिए यह विश्वविद्यालय उत्तराखंड ही नहीं वरन देश की महत्त्वपूर्ण धरोहर है. पहले उत्तराखण्ड के पहाड़ी क्षेत्रों के बच्चों को संस्कृत की उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिए वाराणसी, जयपुर, केरल, हरिद्वार इत्यादि जैसे शहरों में जाना पड़ता था, इससे उनका समय और धन बहुत व्यय होता था.
इस परिसर के खुलने से यह समस्या हमेशा के लिए दूर हो गयी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का इस परिसर पर विशेष फोकस है. प्रधानमंत्री कार्यालय लगातार इस परिसर के निर्माण और विकास कार्यों की निगरानी करता है. यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के संस्कृत और उत्तराखंड के प्रति प्रेम का सबसे बड़ा उदाहरण है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा प्रयास है कि संस्कृत के माध्यम से रोजगार भी मिले। उत्तराखण्ड देवभूमि के साथ ही वेदभूमि भी है. भारत ने विश्वभर में वेदों का ज्ञान दिया, इसी कारण हम विश्वगुरु कहलाये. वेद हमारी पहचान हैं. इस पहचान को हम तभी कायम रख पाएंगे जब संस्कृत का प्रचार और प्रसार पूरे भारत वर्ष में होगा. हम उत्तराखंड की शिक्षा में संस्कृत का समावेश करना चाहते हैं. संस्कृत का संरक्षण और प्रचार-प्रसार तभी हो सकता है, जब उसे रोजगार से जोड़ा जाएगा.