उत्तराखंड: वेस्टर्न डिस्टरबेंस का असर उत्तराखंड में अभी भी जारी है. बारिश के साथ लगातार लैंड स्लाइडिंग की घटनाएं सामने आ रही है. इसका असर चारधाम यात्रा और हेमकुंड साहिब यात्रा पर भी पड़ रहा है.
बीते दिन केदारनाथ के पास आए एवलॉन्च के बाद से ही यात्रियों में डर का माहौल भी बना हुआ है. मौसम विभाग ने इस बीच अगले 4 दिन येलो अलर्ट जारी रखा है. यानी कि यात्रा करें, लेकिन अपना ख्याल भी रखें.
बता दें कि केदारनाथ धाम में गुरुवार को एक बार फिर एवलॉन्च आया. मंदिर से 4 किलोमीटर दूर चोराबाड़ी ताल की ओर पहाड़ियों में हिमस्खलन हुआ. घटना सुबह की बताई जा रही है. एवलॉन्च आने के बाद लगभग 5 मिनट तक बर्फ का धुआं उठता दिखाई दिया. जिसके बाद श्रद्धालुओं में अफरातफरी मच गई.
इस दौरान लगभग 4 से 5 मिनट तक बस बर्फ के धुआं ही धुआं दिखाई दिया. हालांकि चंद मिनटों के बाद जब बर्फ का धुआं छंटा तो लोगों ने राहत की सांस ली.
इसी रास्ते से जून 2013 की आपदा में भी भारी मात्रा में मलबा और पानी आया था. जिसमें कई लोगों की जान चली गई थी. बीते 10 माह में एवलॉन्च की यह पांचवी घटना बताई जा रही है। बीते वर्ष सितंबर-अक्तूबर में भी इसी क्षेत्र में एवलॉन्च आया था.
जोशीमठ के पास हेलंग वैली में हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट के लिए NTPC की सुरंग बन रही है. दावा किया जा रहा है कि गुरुवार को घाटी में नीचे किसी निर्माण कार्य के लिए धमाका किया गया, जिसके बाद पहाड़ का एक हिस्सा टूटकर सड़क पर आ गिरा. इस भयंकर लैंडस्लाइड के बाद बदरीनाथ जाने वाली सड़क पूरी तरह तबाह हो गई है.
हेमकुंड यात्रा मार्ग पर भी बीते रविवार एवलॉन्च की चपेट में आकर 6 यात्री बर्फ में दब गए थे. समय रहते रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया, जिसके बाद 5 यात्रियों को बचा लिया गया, लेकिन एक महिला का शव बरामद हुआ.