उत्तराखंड

केदारनाथ मार्ग पर 15 दिन में 16 घोड़े-खच्चरों की मौत, टिटनेस संक्रमण से गर्दन हो रही टेढ़ी

उत्तराखण्ड: चारधाम यात्रा  में  केदारनाथ यात्रा मार्ग पर 15 दिन में 16 घोड़ा-खच्चरों की मौत हो चुकी है. बता दें 25 अप्रैल से शुरू हुई यात्रा में चार हजार घोड़ा-खच्चर यात्रियों के लिए व एक हजार माल ढुलान के लिए पंजीकृत किए गए हैं. गौरीकुंड से संचालित घोड़े और खच्चरों के लिए बर्फ से भरा रास्ता जान पर भारी पड़ रहा है. यात्रा के पहले दिन से लेकर 15वें दिन तक 16 घोड़ा-खच्चरों की मौत हुई है.

पशु चिकित्सकों का कहना है कि गौरीकुंड से केदारनाथ तक 16 किमी की चढ़ाई और वापसी में 16 किमी का ढलान जानवरों के लिए भारी साबित हो रहा है. संचालक जानवरों को सूखा भूसा, गुड़ और चना खिला रहे हैं लेकिन पर्याप्त आराम व गर्म पानी नहीं दिया जा रहा है.ऐसे में भूसा, गुड़ व चना खाते ही जानवरों के पेट में गैस बन रही है और असहनीय दर्द के कारण उनकी मौत हो रही है. अभी तक ऐसे 10 मामले हो चुके हैं.

पशुपालन विभाग के निदेशक डॉ. प्रेम कुमार ने कहा कि नियमों का पालन नहीं करने वाले खच्चर और घोड़ा मालिकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है. इस संबंध में तीन खच्चर मालिकों के खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज की गई है.

डॉ कुमार ने कहा, “हम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में जानवरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं. यात्रा मार्ग पर गर्म पानी की व्यवस्था की गई है और प्रशिक्षित पशु चिकित्सकों को तैनात किया गया है.”

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