उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अब एक और बड़ा और अहम फैसला लेने जा रही है. दरअसल अंग्रेजों के समय में बने उन कानूनों को खत्म करने की तैयारी चल रही है जिनकी वर्तमान परिवेश में कोई प्रासंगिकता नहीं रह गई है.
शासन में बैठे एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इसके पीछे मंशा यही है कि बिना वजह के कानूनों को समाप्त किया जाए. एक बार सभी विभागों की रिपोर्ट आने के बाद इसे फाइनल मंजूरी के लिए सीएम के पास भेजा जाएगा. वही इसपर अंतिम फैसला करेंगे. सरकार पहले भी कई अप्रासंगिक कानूनों को या तो खत्म कर चुकी है या फिर उनमें जरूरी संसोधन किए गए हैं ताकि वह वर्तमान हालात के हिसाब से बन सकें.
अधिकारियों ने बताया कि फिलहाल यूपी के 40 ऐसे विभाग हैं जहां ब्रिटिश समय के बनाए हुए कानून आज भी काम कर रहे हैं. विधि विभाग की तरफ से एक पत्र इन सभी विभागों के प्रमुखों को जारी किया गया है जिसमें उनसे इस कानून को बनाए रखने का सही कारण बताने को कहा गया है. यदि विभाग कारण बताने या इसमें संसोधन करने को लेकर अपनी राय देने में नाकाम रहते हैं तो इने खत्म किया जा सकता है.
वरिष्ठ अधिकारी ने एक कानून का उदाहरण देते हुए बताया कि इंडियन पार्टनरशिप एक्ट को 1932 में बनाया गया था. इसे तत्कालीन इंपीरियल लेजिसलेटिव काउंसिल ने बनाया था. इसकी आज के समय में कोई प्रासंगिकता नहीं रह गई है. इस तरह के कानून में या तो संसोधन करने या इसकी जगह नए कानून को लाए जाने की जरूरत है.