लखनऊ: हाईराइज बिल्डिंग, सोसायटीओ में लिफ्ट हादसों में लिफ्ट के टूटकर गिरने और आएं दिन लिफ्टो के बंद होने व अन्य कारणों से प्रदेश में होने वाले हादसों पर लगाम लगाने के लिए प्रदेश सरकार कठोर कानून लागू करने की तैयारी में लगी हुई है. उत्तर प्रदेश सरकार के ऊर्जा विभाग द्वारा ‘यूपी लिफ्ट एंड एस्केलेटर एक्ट’ का एक मसौदा बनाया गया है. इस मसौदे में यह प्रावधान किया गया है कि पंजीकरण के बिना कोई भी प्रदेश में लिफ्ट नहीं लगा सकेगा. लिफ्ट या एस्केलेटर से होने वाले हादसे पर एक लाख रुपये का जुर्माना व तीन महीने की सजा या दोनों का प्रावधान होगा.
प्रदेश के तैयार हो रहें इस प्रस्तावित एक्ट में सभी प्रकार की लिफ्ट व एस्केलेटर्स को शामिल किया जाएगा. साथ ही इस एक्ट में व्यापारिक प्रतिष्ठानों, संस्थानों, सार्वजनिक उपक्रम, सरकारी कार्यालयों व संस्थानों में लगने वाली लिफ्ट व संचालकों को इसके दायरे में लाया जाएगा. व घरेलू लिफ्ट को छोड़कर अन्य सभी प्रकार की लिफ्टों में प्रशिक्षित ऑपरेटरों को रखना अनिवार्य किया जायेगा. माना जा रहा है कि इस एक्ट से हाईराइज बिल्डिंग, व अन्य संस्थान सरकारी व गैर-सरकारी संस्थानों में लिफ्ट हादसों को रोकने में मदद मिलेगी.