उत्तर प्रदेश

नोएडा हाईस्पीड मेट्रो प्रोजेक्ट को 24, हजार करोड़ के बजट ने रोका, अन्य विकल्पों पर विचार

नोएडा: जेवर में तैयार हो रहे नोएडा इंटरनैशनल एयरपोर्ट की फास्ट कनेक्टिविटी अब हाईस्पीड मेट्रो के बजाय रैपिड व मोनो रेल से ही लोगों को मिल सकेगी. साथ ही जेवर से आनंद विहार व पलवल के लिए वंदे भारत जैसी फास्ट ट्रेन चलाने के दूसरे विकल्पों पर भी विचार करना शुरू हो चुका है.

चीफ सेक्रेटरी दुर्गा शंकर मिश्रा की अध्यक्षता में यमुना अथॉरिटी के साथ हुई बैठक में नोएडा एयरपोर्ट को इंदिरा गांधी एयरपोर्ट दिल्ली से कनेक्ट करने की हाईस्पीड मेट्रो डीपीआर को फिलहाल रोक दिया गया है. रैपिड रेल की फिजिबिलिटी व स्टडी रिपोर्ट तैयार करने के लिए एनसीआरटीसी (नैशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन) को जिम्मेदारी दी गई है.

अक्टूबर 2024 में नोएडा ज़ेवर इंटरनैशनल एयरपोर्ट से उड़ान शुरू हो जाएगी. करीब डेढ़ साल से आईजीआई से कनेक्ट करने के लिए हाईस्पीड मेट्रो की डीपीआर बनाने के काम की तैयारी चल रही थी। इसमें जेवर से नॉलेज पार्क-2 तक की डीपीआर पहले ही बन कर तैयार हो चुकी थी. नॉलेज पार्क-2 से आईजीआई दिल्ली तक की फेज-2 की डीपीआर बनने की प्रक्रिया भी अंतिम चरण में चल रही थी.

बताया गया है कि दोनों फेज में इसके लिए जेवर से आईजीआई दिल्ली तक करीब 90 किमी लंबी लाइन बनाने की जरूरत थी. जिसमें कई किमी लंबी लाइन अंडरग्राउंड बनाने का प्रस्ताव भी था. इस प्रॉजेक्ट पर करीब 24 हजार करोड़ का खर्च आने का अनुमान था. फिलहाल इसे रोक कर दूसरे विकल्पों की स्टडी पर रिपोर्ट तैयार कराने का काम शुरू हो गया है. इसके तैयार होने पर ही अंतिम फैसला किया जाएगा.

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