महाराष्ट्र: के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली बीजेपी-शिवसेना गठबंधन सरकार को आगामी 30 जून को एक साल पूरा हो जाएगा. दोनों दिग्गज नेताओं के सामने अब 2024 के लोकसभा और विधानसभा चुनावों में परिणाम देने का एक कठिन काम है.
आगामी चुनावों को लेकर राजनीतिक रणनीतियां बनाने का काम शुरू हो गया है. इसमें चुनाव-पूर्व गठजोड़ करना, सीटों के बंटवारे का फॉर्मूले, अभियान और जनसंपर्क जैसी प्रक्रियाएं चल रही हैं.
इन सबके बीच महाराष्ट्र मंत्रिमंडल विस्तार का मुद्दा दोनों वरिष्ठ नेताओं के सामने चुनौती पेश कर रहा है, लेकिन सवाल ये है कि शिंदे और फडणवीस को लगभग एक साल से कैबिनेट विस्तार करने से क्या रोक रहा है?
शिंदे और फडणवीस ने क्रमश: सीएम और डिप्टी सीएम के रूप में शपथ लेने के बाद, लगभग 41 दिनों तक अकेले सरकार चलाई थी. पहले कैबिनेट विस्तार में उन्होंने 18 विधायकों को शामिल किया था जिसमें से 9 बीजेपी के थे और 9 शिवसेना से थे.
इसके साथ ही, सीएम और डिप्टी सीएम सहित राज्य मंत्रिमंडल की कुल संख्या 20 हो गई थी. राज्य कैबिनेट में 43 मंत्री हो सकते हैं जिसका मतलब है कि पिछले एक साल से मंत्रिपरिषद में 23 पद खाली हैं. फडणवीस ने कई बार कहा है कि वे मंत्रिमंडल का विस्तार करना चाहते हैं और ये उचित समय पर किया जाएगा.
उन्होंने सोमवार को फिर दोहराया कि राज्य में जल्द ही मंत्रिमंडल विस्तार किया जाएगा और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे तय करेंगे कि यह कब होगा. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और बीजेपी सभी चुनाव मिलकर लड़ेंगी.