सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बुधवार को दिल्ली नगर निगम (MCD) को उसका मेयर और डिप्टी मेयर आसानी से मिल गया. आम आदमी पार्टी (आप) ने बिना किसी परेशानी के एमसीडी के दोनों अहम पदों पर क़ब्ज़ा कर लिया, लेकिन असली जंग अब शुरू हुई है, जो सदन के भीतर पूरी रात चली. दोनों तरफ़ से हंगामा, हाथापाई, पानी की बोतलों से एक-दूसरों पर वार सब कुछ रात भर एमसीडी के सदन में देखने को मिला.
दरअसल ये पूरी लड़ाई स्टैंडिंग कमेटी (स्थायी समिति) पर अधिकार को लेकर है. सदन में अब स्टैंडिंग कमेटी (MCD Standing Committee) के छह सदस्यों का चुनाव होना हैं, जिनमें से तीन ‘आप’ और दो भाजपा के सदस्य जीतने तय हैं, यानी सारी लड़ाई छठे सदस्य को लेकर है. दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) की स्थायी समिति के छह सदस्यों का चुनाव बुधवार को सदन में भारी शोर-शराबे के कारण नहीं हो पाया था.
एमसीडी में स्टैंडिंग कमेटी बेहद ताकतवर मानी जाती है और वित्तीय फ़ैसले लेने के प्रस्ताव पारित करने का अधिकार उसी के पास होता है. इसी स्टैंडिंग कमेटी पर अपना अधिकार करने के लिए दिल्ली की सत्तारूढ़ पार्टी और भाजपा में जंग छिड़ी है. स्टैंडिंग कमेटी में कुल 18 सदस्य होते हैं, जिनमें से 12 सदस्य अलग-अलग जोन में चुने जाएंगे. लेकिन 6 सदस्य यहीं एमसीडी के हाउस में चुने जाएंगे. इन्हीं 6 सदस्यों के चुनाव को लेकर हंगामा बरपा हुआ है.
‘आप’ ने 6 सीटों के लिए 4 उम्मीदवार उतारे हुए हैं. उसके 3 उम्मीदवारों की जीत तय है, लेकिन चौथे उम्मीदवार की जीत के लिए उसके पास 10 वोट कम हैं. वहीं, बीजेपी ने 6 सीटों के लिए 3 उम्मीदवार उतारे हुए हैं. उसके दो उम्मीदवारों की जीत पक्की है, लेकिन तीसरे उम्मीदवार की जीत के लिए 3 वोट कम हैं. यानी ये सारा घमासान स्टैंडिंग कमेटी के एक सदस्य के लिए है.