नई दिल्ली : प्रतिस्पर्धा को खत्म करने के लिए बेहद सस्ते हवाई टिकटों (Cheap Air Tickets) की पेशकश करने को लेकर चिंताओं के बीच मंगलवार को सरकार ने कहा कि वह हवाई किराये की सीमा तय (Cap on Airfare) करके मुक्त व्यापार अर्थव्यवस्था में हस्तक्षेप करने के पक्ष में नहीं है.
दरअसल इस महीने की शुरुआत में एक संसदीय समिति ने नागर विमानन मंत्रालय (Ministry of Civil Aviation) से हवाई किराये (Airfare) की ऊपरी और निचली सीमा तय करने को कहा था ताकि मुक्त व्यापार अर्थव्यवस्था की आड़ में विभिन्न एयरलाइन प्रतिस्पर्धा को खत्म करने के लिए बहुत सस्ते किराये की पेशकश नहीं कर सकें.
नागर विमानन सचिव राजीव बंसल (Civil Aviation Secretary Rajeev Bansal) ने कहा, ‘‘बुनियादी तौर पर, किराये की सीमा तय करना और बाजार अर्थव्यवस्था में हस्तक्षेप करना ठीक नहीं है, हम इसके पक्ष में नहीं हैं. हम हवाई किराये की अधिकतम और न्यूनतम सीमा (Maximum and minimum limit of air fare) तय करने के पक्ष में भी नहीं हैं. मुझे नहीं लगता कि सरकार को मुक्त व्यापार अर्थव्यवस्था में दखलंदाजी करना चाहिए.’’
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उन्होंने आगे कहा,‘‘हालांकि, हमने एयरलाइन से इस बारे में बात की है और उनसे कहा है कि अधिक किराये की वजह से यात्रियों को परेशानी नहीं होनी चाहिए, उनसे बेवजह की वसूली नहीं की जानी चाहिए.’’
बंसल ने बताया कि टिकटों की बिक्री 16 किराया श्रेणियों में की जाती है.