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जयपुर (राजस्थान) में छह वर्ष से अनवरत जारी है भंडारा, हर रोज 500 लोगों को खिलाते हैं भोजन

सुशील कुमार शर्मा, स्वतंत्र पत्रकार

जयपुर (राजस्थान) में हरिओम जन सेवा समिति की ओर से पिछले छह वर्ष से सीकर रोड स्थित वीकेआई रोड नम्बर पांच पर मां अन्नपूर्णा भंडारा चलाया जा रहा है. जहां प्रतिदिन 500 लोगों को भरपेट भोजन कराया जाता है. जनसहयोग से प्रतिदिन चलने वाले इस भंडारे में लोग जन्मदिन, पुण्यतिथि, शादी की सालगिरह, श्राद्ध व नवरात्रों के अवसर पर प्रसाद वितरण करते हैं. बताते है वर्ष 2016 में इस क्षेत्र में एक मजदूर की भूख से मौत हो गई थी.

जिसके बाद राजेन्द्र सदानंद महाराज के सानिध्य में स्थानीय युवाओं ने इस मुहिम को छोटे स्तर पर शुरू किया गया। पहले यहां हर रविवार को भंडारा आयोजित कर खाना खिलाना शुरू किया गया. समिति के वर्तमान अध्यक्ष पंकज गोयल ने बताया कि इसके बाद कारवां बढ़ता गया और एक वर्ष के बाद इसे हर दिन के लिए शुरू कर दिया गया.

उल्लेखनीय है जिस जगह यह भंडारा आयोजित किया जाता है वहां आसपास करीब एक दर्जन अस्पताल है. इसके साथ ही बडी संख्या में मजदूर भी यहां दिहाड़ी करने को आते हैं. साथ ही कुछ बेघर लोग हर दिन यहां भोजन करने आते हैं. सुबह नौ बजे से दस बजे तक एक घंटे चलने वाले इस भंडारे में लगभग 500 लोग भोजन करते हैं. बताया गया कि इस भंडारे में मां अन्नपूर्णा की सिद्धि मौजूद हैं. इसीलिए आज तक किसी वस्तु की कभी कमी नहीं हुई.

भंडारे में अब तक 10 लाख 50 हजार लोगों को भोजन कराया जा चुका है. भंडारे में महीने में 20 दिन पूरी, सब्जी, खीर, जलेबी, देसी घी का हलवा एवं 10 दिन रोटी बनाने की मशीन से रोटी बनाकर खिलाई जाती है. इस समिति ने कोरोना काल में पूरे जयपुर में करीब 25 लाख लोगों तक ख़ाना पहुंचाया. समिति के 200 कार्यकर्ता 24 घंटे जयपुर शहर में भोजन वितरण कार्य में जुटे रहे लेकिन एक भी कार्यकर्ता संक्रमित नहीं हुआ.

इस भंडारे की रसोई संभालने के लिए चोमू के गोपी हलवाई एवं मदन हलवाई प्रतिदिन सुबह 5 बजे आकर रसोई शुरू कर देते हैं. प्रत्येक मंगलवार को राजन जांगिड की ओर से देसी घी के मालपुए हनुमान जी को भोग लगाकर वितरित किए जाते हैं. ताज़ा सब्जी पुरूषोत्तम बंसल की ओर से पिछले छह वर्षों से लगातार सब्जी मंडी से लाकर दी जा रही है. समिति के संरक्षक राजेन्द्र सदानंद महाराज ने बताया कि हमारी समिति में लगभग 2000 कार्यकर्ता हैं लेकिन आज तक किसी ने भी भंडारे में खाना नहीं खाया. इसकी वजह यह है कि समिति का उद्देश्य ज्यादा से ज्यादा लोगों को खाना खिलाना है.

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