दिल्ली: देश की पहली बार पॉड टैक्सी को चलाने के लिए यूपी की योगी सरकार ने मंजूरी दे दी है. इस प्रोजेक्ट को मार्च 2026 तक पूरा करने का टारगेट है. PRT के लिए यह कॉरिडोर दुनिया का सबसे लंबा कॉरिडोर होगा. प्राधिकरण ने परियोजना लाने के लिए लंदन और अबुधाबी मॉडल का अध्य्यन कराया है.
देश की पहली पॉड टैक्सी जेवर एयरपोर्ट से प्रस्तावित फिल्म सिटी के बीच चलेगी. इस प्रोजेक्ट को यूपी सरकार से मंजूरी मिल गई है. इसके बाद पर्सनल रैपिड ट्रांजिट प्रोजेक्ट के लिए ग्लोबल टेंडर जारी किए जाएंगे. यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) ने इस प्रोजेक्ट के लिए एक रिपोर्ट तैयार की है.
जिसमें कॉरिडोर को बनाने की लागत 631 करोड़ रुपए आंकी गई है. इसको मार्च 2026 तक पूरा करने का टारगेट है. यीडा के सीईओ डॉ अरुणवीर सिंह ने कहा कि कि दुनिया में 5, 6 कंपनियां ही हैं, जिनके पास पॉड टैक्सी सिस्टम विकसित करने की विशेषज्ञता है. अब तक सभी ने इसमें रूचि दिखाई है. सीईओ ने बताया कि कॉरिडोर के लिए जमीन अधिग्रहण कर लिया गया है.
इस प्रोजेक्ट में 14.6 किलोमीटर कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा. डीपीआर के मुताबिक जेवर से सेक्टर 21 तक कॉरिडोर पर 12 स्टेशन बनाए जाएंगे. यमुना अथॉरिटी के सीईओ डॉ अरुण वीर सिंह ने बताया कि पॉड टैक्सी की उपयोगिता बढ़ाने के लिए यीडा के सेक्टरों में भी इसका ट्रैक ले जाने का सुझाव डीपीआर में दिया गया है. यीडा के सेक्टर 21,28,29,32 और 33 होते हुए नोएडा एयरपोर्ट से फिल्म सिटी के बीच पॉड टैक्सी चलेगी.
भारत में अब तक पर्सनल रैपिड ट्रांजिट की शुरुआत नहीं हुई है. हालांकि इसपर काफी समय से चर्चा हो रही है. साल 2010 में हरियाणा सरकार ने पॉड टैक्सी कॉरिडोर बनाने के लिए प्रपोजल दिया था. लेकिन उसपर काम नहीं हो पाया. साल 2016 में नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने गुड़गांव और दिल्ली को जोड़ने के लिए पॉड कार नेटवर्क के लिए टेंडर जारी किया था. कंपनियों की तरफ से आवेदन भी मिले थे. लेकिन से प्लान आगे नहीं बढ़ पाया. अब नोएडा में योगी सरकार ने इस प्रोजेक्ट को को मंजूरी दी है.