दिल्ली: संसद का मॉनसून सत्र कल (गुरुवार) से शुरू होने जा रहा है. इससे पहले केंद्र सरकार ने आज यानी 19 जुलाई को सर्वदलीय बैठक बुलाई है. जिसमें सभी पक्षों से सदन चलाने पर चर्चा की जाएगी. आपको बता दें कि संसद का कोई भी सत्र शुरू होने से एक दिन पहले सभी दलों की बैठक बुलाने की परंपरा है. जिसमें सदन को सुचारू रूप से चलाने पर चर्चा की गई.
साथ ही सभी पार्टियां अलग-अलग मुद्दों पर अपनी बात रख रही हैं. संसदीय कार्य मंत्रालय के मुताबिक, संसद के मानसून सत्र की पूर्व संध्या पर बुधवार को दोपहर 3 बजे दोनों सदनों (राज्यसभा-लोकसभा) के सभी राजनीतिक दलों के नेताओं की बैठक होगी. बैठक संसदीय पुस्तकालय भवन में होगी.
बता दें कि इससे पहले 18 जुलाई को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक को राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ ने स्थगित कर दिया था. क्योंकि कई पार्टियों के नेता बैठक में शामिल होने के लिए उपलब्ध नहीं थे. दरअसल, सोमवार और मंगलवार को बेंगलुरु में हुई बैठक में विपक्षी दलों के ज्यादातर नेता दिल्ली से बाहर थे.
वहीं, बीजेपी और उसके सहयोगी दलों ने भी मंगलवार को दिल्ली में बैठक की. परंपरा के मुताबिक, सदन शुरू होने से पहले होने वाली सर्वदलीय बैठक में सभी दलों के नेता और सरकार के वरिष्ठ मंत्री शामिल होते हैं. पीएम मोदी खुद ऐसी कई बैठकों में शामिल हो चुके हैं.
बता दें कि संसद का मानसून सत्र कल यानी 20 जुलाई से शुरू हो रहा है. इस बार मानसून सत्र 11 अगस्त तक चलेगा. मानसून सत्र में संसद के दोनों सदनों की कुल 17 बैठकें प्रस्तावित हैं. इसके साथ ही मानसून का मौसम भी उथल-पुथल भरा हो सकता है. क्योंकि सत्ता पक्ष जहां अहम बिल पास कराने की कोशिश करेगा.
वहीं विपक्ष मणिपुर हिंसा, ओडिशा में ट्रेन हादसा, रेल सुरक्षा, महंगाई और ग्रामीण मामलों पर जेपीसी के गठन की मांग जैसे कई मुद्दों पर सरकार को घेरने की कोशिश करेगा. करूँगा लोकसभा सचिवालय के एक बुलेटिन में कहा गया है कि संसद के मानसूत्र सत्र (17वीं लोकसभा का 12वां सत्र) के दौरान उठाए जाने वाले संभावित सरकारी कार्यों की सूची में 21 नए विधेयक शामिल किए गए हैं.