उत्तराखंड: जंगलों में पाए जाने वाले बिच्छू घास से निर्मित उत्पादों की विदेशों तक डिमांड बढ़ गई है. यही कारण है कि दिल्ली के प्रगति मैदान में लगे G 20 क्राफ्ट बाजार प्रदर्शनी में बिच्छू घास छाया हुआ है.
नई दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित जी 20 क्राफ्ट बाजार प्रदर्शनी में उत्तराखंड के उत्पादों का भी स्टॉल लगाया गया. उत्तराखंड के नोडल अधिकारी उपनिदेशक उद्योग विभाग डॉ. एम एस सजवाण ने बताया कि उत्तराखंड के उद्योग विभाग द्वारा लगाए गए स्टॉल में उत्तराखंड राज्य के हैंडलूम और हैंडीक्राफ्ट उत्पाद प्रदर्शित किए गए हैं.
यहां ऊनी स्कार्फ, डूंडा शॉल, पिथौरागढ़ के ऊनी कार्पेट, केदारनाथ व अन्य धार्मिक स्थलों की काष्ठ प्रतिकृति, नैनीताल की ऐपण, उधमसिंहनगर की मूंज घास के उत्पाद, बागेश्वर के ताम्र उत्पाद, प्राकृतिक फाइबर जैकेट, प्रदर्शित किए गए हैं. इस दौरान बिच्छू घास की बनी जैकेट की विशेष रूप से सराहना की जा रही है.
बिच्छू घास प्राकृतिक रूप से उगती है. तने को सूखाने के बाद मशीन में प्रोसेसिंग की जाती है. इसके बाद धागा बनता है. 3 से 5 किलो बिच्छू घास से एक किलो धागा निकलता है. इसमें प्रति मीटर 600 से 700 रुपये की लागत आती है. बिच्छू घास के रेशे से बनी जैकेट की कीमत 1,700 से 1,800 रुपये तक है.