उत्तराखंड: एक तरफ देश पहलगाम आतंकी हमले का बदला लेने से खुश है तो वहीं देशवासी अपनी जांबाज सेना के शौर्य से प्रफुल्लित हैं. ऋषिकेश परमार्थ निकेतन ने बुधवार शाम की गंगा आरती ऑपरेशन सिंदूर को समर्पित कर दी.
मंगलवार शाम परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश की गंगा आरती, भारत की दृढ़ इच्छाशक्ति, असाधारण सैन्य पराक्रम और सामरिक साहस को समर्पित की गई. यह गंगा आरती भारत सरकार और भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान के आतंकी अड्डों पर की गई निर्णायक सैन्य कार्रवाई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को समर्पित की गई.
स्वामी चिदानंद ने कहा कि यह केवल सीमापार एक जवाब नहीं है. यह भारत की आत्मा की पुकार थी, कि हम शांति चाहते हैं, परंतु आत्मसमर्पण नहीं. हम संवाद चाहते हैं, परंतु आतंक नहीं. जब-जब हमारे धैर्य की परीक्षा ली जाएगी, भारत उसी वेग से उत्तर देगा.
ऑपरेशन सिंदूर, भारतीय सेना का साहसिक प्रतिशोध है. पहलगाम में भारतीयों पर हमला, भारत की आत्मा पर हमला था. भारत माता के हृदय पर हमला था. पाक ने जो नापाक हरकत की उस पाप का बदला हमारे सैनिकों ने लिया. हमें उन पर गर्व है. यह हमला तो एक शुरूआत है. ये बदला, बदलाव लायेगा और भारत की इस नई सोच का असर होगा. स्वामी चिदानंद ने कहा कि भारत कभी किसी को छेड़ता नहीं है. पर कोई उसे छेड़ता है, तो छोड़ता भी नहीं. यह ऑपरेशन हमारे वीर जवानों के शौर्य, रणनीति और संकल्प का प्रमाण है.
परमार्थ निकेतन, गंगा तट ऋषिकेश पर स्वामी चिदानन्द सरस्वती और देशी-विदेशी अतिथियों ने भारत के तिरंगे के समक्ष दीप जलाकर ऑपरेशन सिंदूर का सम्मान किया.