उत्तराखंड

कपाटबंदी का काउंटडाउन शुरू, आज गंगोत्री के कपाट होंगे बंद, 6 माह यहां होंगे गंगाजी के दर्शन

उत्तराखंड: चार धाम यात्रा के शीतकाल के लिए बंद होने का काउंटडाउन शुरू हो गया है. शारदीय नवरात्र के पहले दिन विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री धाम के कपाट बंद होने की तिथि व मुहूर्त तय किया गया था. गंगोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए आज 14 नवंबर को अन्नकूट के पावन पर्व पर अभिजीत मुहूर्त की शुभ बेला पर 11 बजकर 45 मिनट पर बंद किए जाएंगे. यमुनोत्री और केदारनाथ धाम के कपाट 15 नवंबर को बंद किए जाएंगे. बद्रीनाथ के कपाट 18 नवंबर को शीतकाल के लिए बंद किए जाएंगे.

14 नवंबर को कपाट बंद होने के बाद मां गंगा की उत्सव डोली अपने मायके मुखीमठ मुखबा के लिए प्रस्थान करेगी. रात्रि निवास भैरोघाटी स्थित देवी मंदिर में होगा. इसके अगले दिन 15 नवंबर को भाईदूज के पर्व पर मां गंगा की उत्सव डोली अपने मायके मुखबा मुखीमठ में पहुंचेगी. जहां मां गंगा का स्वागत एक बेटी की तरह गांव के ग्रामीणों द्वारा किया जाएगा. शीतकाल के छह माह तक मां गंगा की पूजा मुखबा स्थित गंगा मंदिर में होगी.

दीपावली और कपाटबंदी के लिए गंगोत्री धाम को फूलों से सजाया गया है. मां गंगा के शीतकालीन पड़ाव मुखबा स्थित गंगा मंदिर को भी फूलों से सजाने की तैयारियां शुरू हो गई है. यमुनोत्री धाम में भी दिवाली और कपाटबंदी के लिए मंदिर को सजाया गया है.

गंगोत्री के कपाट 14 नवंबर को व 15 नवंबर को यमुनोत्री धाम के कपाट शीतकाल के छह माह के लिए बंद हो जाएंगे. जिसके बाद मां गंगा व यमुना के दर्शन व पूजन उनके शीतकालीन पड़ावों में होंगे. इस बीच दोनों धामों में दीपावली का पर्व भी मनाया गया.

श्री पांच गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष हरीश सेमवाल ने बताया कि गंगोत्री धाम सहित भैरोंघाटी स्थित देवी मंदिर व मुखबा स्थित गंगा मंदिर को कुल 20 क्विंटल फूलों से मंदिरों को सजाया गया. यमुनोत्री मंदिर समिति के सचिव सुरेश उनियाल ने बताया कि 2 क्विंटल फूलों से यमुनोत्री और एक क्विंटल फूल से खरसाली स्थित मंदिर को सजाया जाएगा. इस बार यात्रा ने कई कीर्तिमान बनाए हैं.

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