महाराष्ट्र: आगामी लोकसभा चुनाव में सीट बंटवारे को लेकर जहां महाविकास अघाड़ी में फूट पड़ने की संभावना है, वहीं भाजपा और शिवसेनागठबंधन के बीच विवाद की चिंगारी की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता. क्योंकि, आगामी लोकसभा चुनाव के लिए 2019 में शिवसेना द्वारा लड़ी गई 23 सीटों में से 22 पर एकनाथ शिंदे दावा कर सकते हैं. पार्टी विस्तार के मामले में हमेशा आक्रामक रहने वाली भाजपा पार्टी इस पर क्या रुख अपनाती है, यह देखना महत्वपूर्ण होगा.
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बुधवार को सभी सांसदों की बैठक बुलाई.इस बैठक में लोकसभा सीटों की समीक्षा की गई. इस बैठक में उन्होंने कहा कि 22 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने को लेकर चर्चा हुई है. इनमें से 13 सांसद फिलहाल शिवसेना के पास हैं बाकी सांसद ठाकरे गुट के पास हैं और इन सीटों की समीक्षा की जाएगी. इसके बाद वहां प्रत्याशी उतारने की तैयारी की जाएगी शिंदे गुट के नेताओं ने बयान दिया कि इन 22 लोकसभा सीटों पर उनका स्वाभाविक अधिकार है.
साथ ही सांसदों के साथ बैठक में एकनाथ शिंदे ने 13 मौजूदा सांसदों से चर्चा की. इन सीटों को फिर से जीतने के लिए क्या करने की जरूरत है, इस पर चर्चा की गई. यह भी कहा गया कि इन 13 लोकसभा सीटों को लेकर रणनीति तय करने के लिए संबंधित विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा और शिंदे गुट के स्थानीय नेताओं की बैठक होगी. साथ ही शिवसेना सांसद राहुल शेवाले ने बताया कि मुख्यमंत्री के माध्यम से इन सभी लोकसभा क्षेत्रों में विकास कार्यों को गति देने का निर्णय लिया गया है.
पिछली जुलाई में शिवसेना के 19 सांसदों में से 12 सांसदों ने एकनाथ शिंदे का समर्थन किया था. इसके बाद उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष को पत्र भी दिया था कि वह एक स्वतंत्र गुट है. इसके बाद उत्तर-पश्चिम लोकसभा क्षेत्र के सांसद गजानन कीर्तिकर शिंदे गुट में शामिल हो गए. इस तरह शिंदे समूह के सांसदों की संख्या बढ़कर 13 हो गई. अब उद्धव ठाकरे के गुट के केवल छह सांसद बचे हैं.