महाराष्ट्र

महाराष्ट्र में बीजेपी ने फिर शुरू किया ‘MADHAV’ फॉर्मूला, चुनाव से पहले बनाया नया प्लान

महाराष्ट्र में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. इसको लेकर सभी राजनीतिक पार्टियां अभी से तैयारियों में जुट गई हैं. इसी के चलते बीजेपी ने ‘MADHAV’ फॉर्मूले पर फिर से काम शुरू कर दिया है. इसके तहत पार्टी ओबीसी वर्ग केे माली, धनगर और वंजारी (बंजारा) समुदाय को साधने में जुटी है.

महाराष्ट्र में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर सभी राजनीतिक पार्टियां तैयारियों में जुट गई हैं. इस कड़ी में महाराष्ट्र बीजेपी फिर से MADHAV फॉर्मूले पर काम कर रही है. कारण, पार्टी मुख्य रूप से ओबीसी वर्ग के माली, धनगर और वंजारी (बंजारा) समुदाय को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है. अहमदनगर का नाम बदलकर अहिल्यानगर करने का कदम उसी रणनीति का हिस्सा है.

दरअसल, महारानी अहिल्यादेवी होल्कर साहस, परोपकार और धार्मिक कार्यों की प्रतीक हैं. धनगर समाज इन्हें भगवान की तरह की पूजता है. धनगर समुदाय कोल्हापुर, सांगली, सोलापुर, पुणे, अकोला, परभणी, नांदेड़ और यवतमाल जिले में महत्वपूर्ण भूमिका में हैं. धनगर समुदाय लगभग 100 विधानसभा क्षेत्रों में मौजूद है. वहीं विशेषज्ञों की मानें तो इस समुदाय के लोगों का 40 से अधिक विधानसभा क्षेत्रों में निर्णायक वोट शेयर है.

बता दें कि 2014 में स्वर्गीय गोपीनाथ मुंडे ने धनगर, माली और वंजारा नेताओं के गठबंधन के लिए अथक प्रयास किया था. बीजेपी को चुनाव में इसका अच्छा फायदा भी मिला था. बीजेपी ने 2014 में अपने घोषणापत्र में धनगर समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने का वादा किया था. लेकिन तकनीकी कारणों से पूर्व सीएम फडणवीस ने वादा पूरा नहीं किया. हालांकि इसके बदले पार्टी ने राष्ट्रीय समाज पार्टी के प्रमुख महादेव जानकर को कैबिनेट मंत्रालय दिया, जो एक मजबूत धनगर नेता और मुंडे परिवार के करीबी सहयोगी हैं.

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