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बारिश के चलते अमरनाथ यात्रा स्थगित, बादल फटने और भूस्खलन की चेतावनी

देश: कश्मीर में सोमवार से जारी बारिश के कारण अमरनाथ यात्रा स्थगित कर दी गई है, जिससे दो हफ्ते से चल रही भीषण गर्मी के बाद तापमान में गिरावट आई है. बारिश गुरुवार तक जारी रहेगी तथा पहाड़ी क्षेत्रों में बादल फटने और भूस्खलन की चेतावनी जारी की गई है. मौसम विभाग ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर पर पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव की वजह से केंद्र शासित प्रदेश में पिछले दो दिनों से बारिश हो रही है.

अधिकारियों ने बताया कि बारिश के कारण एहतियात के तौर पर सोनमर्ग और पहलगाम में बालटाल और चांदवाड़ी मार्गों से यात्रा स्थगित कर दी गई है. अधिकारियों ने बताया कि यात्रियों को नुनवान, बालटाल के आधार शिविरों तथा जम्मू के पंथाचौक और भगवती नगर में पंजीकरण शिविरों में ठहरने की सलाह दी गई है. जम्मू-कश्मीर के मौसम विभाग के निदेशक मुख्तार अहमद ने कहा कि 17 जुलाई तक लगातार बारिश जारी रहेगी.

उन्होंने कहा कि अगले 48 घंटों में कश्मीर संभाग में मध्यम से भारी वर्षा होने की संभावना है. उन्होंने कहा कि 18 जुलाई से मौसम में सुधार होगा और 20 जुलाई तक ऐसा ही रहेगा. उन्होंने कहा कि 21 से 23 जुलाई तक जम्मू-कश्मीर में अधिक बारिश होने की संभावना है. उन्होंने कहा कि अगले 48 घंटों के दौरान जम्मू क्षेत्र में भी भारी से बहुत भारी वर्षा हो सकती है.

मौसम विभाग के निदेशक ने कहा कि बारिश के कारण कश्मीर घाटी में तापमान गिरकर 23-24 डिग्री सेल्सियस पर आ गया है. उन्होंने कहा कि जम्मू संभाग में औसत तापमान तक गिर गया है. बारिश की वजह से कश्मीर क्षेत्र में पानी की कमी भी 38 प्रतिशत से घटकर 25 प्रतिशत हो गई है.

अपने परामर्श में मौसम विभाग ने यात्रियों और पर्यटकों से पहाड़ी और संवेदनशील क्षेत्रों में जाने से बचने और वहां जाने को स्थगित करने का आग्रह किया है, जबकि इन दिनों डल झील और अन्य झीलों में नौका विहार गतिविधि को भी स्थगित कर दिया जाना चाहिए.

नदियों का जलस्तर बढ़ सकता है, लेकिन भारी बारिश की कोई संभावना नहीं है. साथ ही, घाटी में 19 से 20 जुलाई तक मौसम में सुधार होने की संभावना है. उन्होंने कहा, “हालांकि इन दिनों में थोड़ी-बहुत बारिश हो सकती है, लेकिन कोई खास बारिश नहीं होगी. इसलिए इससे नदियों और नहरों में जलस्तर बढ़ने की संभावना कम हो जाती है जिससे बाढ़ आ सकती है.

अमरनाथ जी के दर्शन के लिए होने वाली प्रसिद्ध अमरनाथ 3 जुलाई से शुरू होकर 9 अगस्त तक चलेगी. इस बार पवित्र अमरनाथ यात्रा 38 दिनों तक चलेगी. बता दें कि अमरनाथ की गुफा में बनने वाले प्राकृतिक शिवलिंग के दर्शन के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है. इन्हें बाबा बर्फानी और अमरेश्वर नाम से भी जाना जाता है. प्रतिवर्ष लोग हिमालय में स्थित पवित्र गुफा मंदिर तक पहुंचने के लिए कठिन तीर्थयात्रा करते हैं. अमरनाथ की गुफा समुद्र तल से लगभग 3,978 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. पौराणिक कथा के मुताबिक, इसी पवित्र गुफा में भगवान शिव ने माता पार्वती को अमर कथा सुनाई थी, जिसे वहां मौजूद एक कबूतर के जोड़े ने सुन लिया था. कहा जाता है कि वही कबूतर का जोड़ा आज भी गुफा में मौजूद है, जो अमर पक्षी के नाम से मशहूर है.

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