अल्मोड़ा : पहाड़ों की स्वास्थ्य सुविधाओं को कैसे बेहतर किया जाए, इसके लिए उत्तराखंड के अल्मोड़ा में साल 2013 में मेडिकल कॉलेज की नींव रखी गई थी. कई साल बीत जाने के बाद आखिरकार मेडिकल कॉलेज बनकर तैयार हो गया और 2022 में मेडिकल कॉलेज को मान्यता मिल गई. दरअसल पहाड़ में स्वास्थ्य सुविधाएं ठीक नहीं होने के चलते लोग दूसरे शहरों का रुख करते हैं, लेकिन जब से अल्मोड़ा में मेडिकल कॉलेज शुरू हुआ है, तब से मरीजों को यहीं बेहतर इलाज मिल रहा है.
मेडिकल कॉलेज के शुरू न होने से पहले मरीजों को उपचार कराने के लिए दूसरे शहरों की ओर जाना पड़ता था, लेकिन अब मेडिकल कॉलेज में विशेषज्ञ डॉक्टर तैनात हो चुके हैं. जबकि कई और डॉक्टर जल्द जॉइन करने वाले हैं. मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सीपी भैसोड़ा ने बताया कि 2022 में मेडिकल कॉलेज को मान्यता मिली है और उसके साथ ही एमबीबीएस का पहला बैच मेडिकल कॉलेज को मिला है. अब दूसरा बैच भी आ चुका है. इसके अलावा मेडिकल कॉलेज में एनआईसीयू, पीआईसीयू, ईएनटी विभाग और आई स्पेशलिस्ट के विभाग शुरू हो चुके हैं. अब मरीज बेस अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं.
साथ ही डॉ. सीपी भैसोड़ा ने बताया कि इससे पहले तक दूरदराज से आने वाले मरीजों को रेफर करना पड़ता था, लेकिन अब मेडिकल कॉलेज में विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्ति से मरीजों को इलाज की सुविधा यहीं मिल रही है. इसके अलावा पिछले दिनों ही मेडिकल कॉलेज में कैंसर रोग विशेषज्ञ की तैनाती हुई है.
डॉ. सीपी भैसोड़ा ने बताया कि भविष्य में प्लानिंग है कि वह यहां पर सुपरस्पेशलिटी विभाग खोलेंगे. इसके अलावा फरवरी महीने में मेडिकल कॉलेज के अधीन बेस अस्पताल में एमआरआई की मशीन लगने वाली हैं. इससे पहले तक पूरे कुमाऊं के गवर्नमेंट सेक्टर में सुशीला तिवारी में मशीन है, लेकिन अब जल्द ही बेस अस्पताल अल्मोड़ा में भी एमआरआई मशीन लगेगी. इसके बाद मरीजों को एमआरआई के लिए हल्द्वानी या फिर दूसरे शहर की ओर जाना नहीं पड़ेगा.