उत्तराखंड

बिजलीघर तो बना नहीं, लेकिन PM MODI से करवा दिया आधे-अधूरे प्रोजेक्ट का लोकार्पण

उत्तराखंड: 12 अक्टूबर को पीएम मोदी अपने एक दिवसीय दौरे पर उत्तराखंड आए थे. इस दौरान पीएम मोदी ने कई योजनाओं को शुभारंभ और लोकार्पण किया था. जिसमें से एक 132 केवी पिथौरागढ़-लोहाघाट-चंपावत ट्रांसमिशन लाइन प्रोजेक्ट भी था. लेकिन इस प्रोजेक्ट को लेकर चौंकाने वाली बात सामने आई है.

पीएम मोदी ने कुंमाऊं दौरे के दौरान पिथौरागढ़ से कुछ योजनाओं का ऑनलाइन लोकार्पण किया था. 132 केवी पिथौरागढ़-लोहाघाट-चंपावत ट्रांसमिशन लाइन का लोकार्पण भी पीएम मोदी ने 12 अक्टूबर को किया था. इस प्रोजेक्ट को लेकर चौंकाने वाला खुलासा हुआ है.

दरअसल लोकार्पण के चार महीने पहले ही इस लाइन पर 33 केवी की बिजली दौड़ाई जा रही है. जबकि ये लाइन 132 केवी की बनाई गई है. इस लाइन पर 132 केवी की सप्लाई इसलिए नहीं हो रही है क्योंकि इस प्रोजेक्ट के तहत बनने वाले सब स्टेशन का काम ही अभी तक शुरू नहीं हो पाया है.

न के निर्माण के लिए अभी टेंडर प्रक्रिया चल ही रही है. ऐसे में यहां सवाल ये उठता है कि आधे-अधूरे प्रोजेक्ट का प्रधानमंत्री से लोकार्पण क्यों करवाया गया ? लोहाघाट उपसंस्थान के मुख्य द्वार पर ताला लगा हुआ है. पिथौरागढ़ से लोहाघाट के बीच 42 किमी लंबी लाइन को 158 टावर के जरिए जोड़ा गया है. लेकिन अब तक एक से 69 टावर तक बिजली सप्लाई नहीं हो रही है.

लोहाघाट में उपसंस्थान की चहारदीवारी का निर्माण तो हुआ है लेकिन बिजलीघर भवन का काम अभी तक शुरू भी नहीं किया गया है. बता दें कि साल 2011 में फरवरी के महीने में तत्कालीन सीएम डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने चंपावत दौरे पर आए थे. तब उन्होंने 132 केवी उपसंस्थान के निर्माण का ऐलान किया था.

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