उत्तराखंड

मनसा देवी पहाड़ी पर हो रहे भूस्खलन से बढ़ा खतरा, एक्सपर्ट्स की टीम ने दिया ये सुझाव

उत्तराखंड: हरिद्वार स्थित मनसा देवी पहाड़ी पर हो रहे भूस्खलन से खतरा बढ़ गया है. इस बीच पहाड़ी से आ रहे मलबे से नीचे बस्तियों और बाजारों को भी खतरा बना हुआ है. ऐसे में अब वैज्ञानिकों की ओर से इसका थ्री डी मानचित्रण को ड्रोन सर्वे कराने की सिफारिश की है. जिससे भू-तकनीकी सर्वेक्षण और क्षेत्र में हो रही भूस्खलन की पूरी जांच हो सके.

मनसा देवी पहाड़ी पर हो रहा भूस्खलन प्रशासन और सरकार के लिए चिंता का विषय बना हुआ है. अब इस क्षेत्र से होकर गुजरने वाले ट्रेन के सफर पर भी इसका असर पड़ रहा है. प्रशासन की पहल पर अधिकारियों और वैज्ञानिकों की ओर से स्थलीय निरीक्षण किया जा चुका है. अब इसकी रोकथाम के लिए जरुरी कदम उठाने की बात हो रही है.

उत्तराखंड लैंडस्लाइड मिटिगेशन एंड मैनेजमेंट सेंटर (यूएलएमएमसी) के निदेशक शांतनु सरकार के नेतृत्व में विज्ञाानिकों की टीम ने पहाड़ी का निरीक्षण भी किया था। मीडिया रिपोर्ट की मानें तो रिपोर्ट में मनसा देवी पहाड़ी को बेहद कमजोर बताया है. भूस्खलन के प्रभावी नियंत्रण को जरुरी कदम उठाने के साथ ही थ्री डी मानचित्रण के लिए ड्रोन सर्वे कराने की सिफारिश की गई है। भू-तकनीकी सर्वेक्षण के अलावा रिटेनिंग वाल का निर्माण, जलनिकासी की समुचित व्यवस्था आदि सिफारिशें की गई है.

मनसा देवी मंदिर, हरिद्वार में शहर से तीन किमी की दूरी पर है। बिल्व पर्वत के ऊपर मंदिर है. हरिद्वार के पश्चिमी ओर स्थित बिल्व पर्वत पर यह मनसा देवी मंदिर स्थित है. यहां पर भी पैदल मार्ग से 3 किमी चढ़ते हुए पहुंच सकते हैं अथवा रोपवे की सुविधा ले सकते हैं. मान्यता है कि उनका जन्म भगवान शिव के मस्तक से हुआ था. इसीलिए उन्हे भगवान शिव की मानस पुत्री भी कहा जाता है. माना जाता है कि यहां भक्तों की मनोकामना पूरी होती है.

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