उत्तराखंड: अंतरराष्ट्रीय आपदा न्यूनीकरण दिवस पर उत्तराखंड सरकार, उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, DMICS व उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के संयुक्त तत्वावधान में आगामी २८ नवंबर से देहरादून में होने वाले छठे विश्व आपदा प्रबंधन सम्मेलन के अंतर्गत, सेंटर फ़ार डिजीज कंट्रोल के सहयोग से ‘आपातकालीन सार्वजनिक स्वास्थ्य एवं आपदा प्रबंधन’ पर केन्द्रित प्रथम पूर्ववर्ती कार्यक्रम का आयोजन किया गया.
कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में डा रंजीत कुमार सिन्हा, सचिव, आपदा प्रबंधन और पुनर्वास, उतराखंड सरकार और डा एस आनंद बाबू, अध्यक्ष, DMICS ने कार्यशाला और विश्व आपदा कांग्रेस की विस्तृत जानकारी दी. उत्तराखंड विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के महानिदेशक प्रो दुर्गेश पंत ने हिमालयी क्षेत्रों के संदर्भ में विश्व आपदा सम्मेलन की सार्थकता का उल्लेख किया.
पद्मभूषण, चंडी प्रसाद भट्ट ने उत्तराखंड एवं हिमालयी राज्यों में पर्यावरण संरक्षण तथा आपदा प्रबंधन की संभावनाओं पर अपने विचार रखे. इस अवसर पर आपदा प्रबंधन और विश्व आपदा प्रबंधन सम्मेलन पर एक लघु फिल्म और मुख्यमंत्री के वीडियो संदेश का भी प्रसारण किया गया.
मुख्य अतिथि के रूप में नीति आयोग के सदस्य प्रोफेसर (डा ) विनोद पॉल ने सामुदायिक स्वास्थ्य सेवाओं के लिए आवश्यक इन्फ़्रास्ट्रक्चर बनाने और सामुदायिक जागरूकता बढाने पर जोर दिया.
भारत में CDC के उप निदेशक विलियम अब्राहम ने सार्वजनिक स्वास्थ्य में CDC की प्राथमिकताओं का उल्लेख किया. USDMA के उप कार्यकारी अधिकारी आर के नेगी जी ने धन्यवाद ज्ञापन किया. उद्घाटन सत्र के पश्चात प्रो विनोद पाल की अध्यक्षता में पैनल वार्ता और विशेष सत्र में विभिन्न विषय विशेषज्ञों और वक्ताओं ने आपदा प्रबंधन, जलवायु परिवर्तन के अनुकूल नवाचार और विभिन्न आधुनिक पर्यावरण संरक्षण संबंधित प्रौद्योगिकी पर अपने विचार व्यक्त किए.
इस अवसर पर डा कलाचंद सेन, निदेशक, वाडिया इंस्टीट्यूट देहरादून, डा रीमा पंत, पर्यावरणविद्, प्रोफेसर एन वी सी मेनन, सदस्य, NDMA, प्रो. आर प्रदीप कुमार, निदेशक, CBRI, सिक्किम से प्रो विनोद शर्मा, हिमांशु चौहान, डा राजीव शर्मा, डा मदन गोपाल, आई आई टी रूड़की से डा सुमित सेन, स्वास्थ्य महानिदेशक डा विनीता साह, AIIM ऋषिकेश से डॉ मधुर उनियाल आदि ने अपने विचार व्यक्त किए .
इस अवसर पर यूकास्ट, आपदा प्रबंधन विभाग, उतराखंड सरकार, DMICS, USDMA, CDC, और विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति तथा कई संस्थानों के अधिकारी वैज्ञानिक और कर्मचारी मौजूद रहे. कार्यक्रम का संचालन UCOST के सलाहकार प्रहलाद अधिकारी ने किया.