दिल्ली: आधुनिक समय में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का बढ़ता इस्तेमाल अब डिफेंस के क्षेत्र में भी कारगर साबित होगा. भारतीय वायुसेना के लिए पैराशूट व अन्य उपकरण तैयार करने के लिए आईआईटी दिल्ली रिसर्च करेगा. भारतीय वायुसेना के नागपुर स्थित रखरखाव मुख्यालय और आईआईटी दिल्ली ने विमानन वस्त्रों के लिए नई टेक्नोलॉजी को आगे बढ़ाने पर सहयोग करने के लिए समझौते (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं.
एमओयू पर आईआईटी दिल्ली में डीन (आरएंडडी) प्रो. नरेश भटनागर और वायुसेना के ग्रुप कैप्टन प्रशांत पाठक (कमांडिंग ऑफिसर 16 बीआरडी) ने प्रो. आर. अलागिरुसामी की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए. आईआईटी दिल्ली के अनुसंधान एवं विकास के एसोसिएट डीन प्रोफेसर राजेंद्र सिंह ने भारतीय रक्षा क्षेत्र की स्वदेशीकरण की बढ़ती मांग को पूरी करने में इस साझेदारी के महत्व पर जोर दिया. उन्होंने विमानन-ग्रेड कपड़ा उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला के लिए समाधान विकसित करने के लिए आईआईटी दिल्ली के उन्नत अनुसंधान और भारतीय वायुसेना की व्यावहारिक विशेषज्ञता का लाभ उठाने की क्षमता पर प्रकाश डाला.
Headquarters Maintenance (HQ) Command, #IndianAirforce Nagpur, and #IITDelhi Join Hands for AI-powered Research on Technical Textiles; to Focus on Parachute and Other Safety Equipment
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— IIT Delhi (@iitdelhi) October 3, 2024
आईआईटी दिल्ली के कपड़ा और फाइबर इंजीनियरिंग विभाग के प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर प्रो. बिपिन कुमार ने कहा कि, आईआईटी दिल्ली और आईएएफ नागपुर के मुख्यालय रखरखाव के बीच साझेदारी से रक्षा प्रौद्योगिकी में भारत की आत्मनिर्भरता में योगदान मिलने की उम्मीद है. आईआईटी दिल्ली में टेक्सटाइल और फाइबर इंजीनियरिंग विभाग के विभागाध्यक्ष और प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर प्रो. बिपिन कुमार, ग्रुप कैप्टन असित कुमार (योजना और उत्पादन प्रमुख, 16 बीआरडी, वायुसेना) और विंग कमांडर अरुण मनोहर (गुणवत्ता आश्वासन प्रमुख, 16 बीआरडी, वायुसेना) भी एमओयू के दौरान मौजूद रहे. ग्रुप कैप्टन प्रशांत पाठक के अनुसार, आईआईटी दिल्ली के साथ एमओयू में सहयोग के लिए कुछ निम्न क्षेत्रों को शामिल किया गया है.