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3 जुलाई से शुरू होगी अमरनाथ यात्रा, 9 अगस्त तक भक्त कर सकेंगे बाबा बर्फानी के दर्शन

देश: दक्षिण कश्मीर में 3,880 मीटर ऊंचाई पर स्थित अमरनाथ मंदिर के लिए 38 दिवसीय वार्षिक यात्रा तीन जुलाई को शुरू होगी. इस संबंध में निर्णय राजभवन में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की अध्यक्षता में श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) की 48वीं बोर्ड बैठक में लिया गया.

सिन्हा ने कहा कि, अमरनाथ यात्रा दोनों मार्गों, अनंतनाग जिले में पहलगाम ट्रैक और गांदरबल जिले में बालटाल से एक साथ शुरू होगी. उन्होंने आगे कहा कि, अमरनाथ यात्रा 9 अगस्त, 2025 को रक्षा बंधन के दिन समाप्त होगी. बैठक में स्वामी अवधेशानंद गिरि जी महाराज, डी सी रैना, कैलाश मेहरा साधु, के एन राय, पीतांबर लाल गुप्ता, डॉ. शैलेश रैना और प्रोफेसर विश्वमूर्ति शास्त्री सहित एसएएसबी के सदस्य शामिल हुए. बोर्ड ने अमरनाथ श्रद्धालुओं के लिए सुविधाओं और सेवाओं को और बेहतर बनाने के लिए विभिन्न उपायों और हस्तक्षेपों का प्रस्ताव रखा.

बैठक में अमरनाथ यात्रा के लिए तीर्थयात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए जम्मू, श्रीनगर और अन्य स्थानों के केंद्रों पर ठहरने की क्षमता बढ़ाने, ई-केवाईसी के लिए यात्री सुविधा केंद्रों का संचालन, आरएफआईडी कार्ड जारी करने, नौगाम और कटरा रेलवे स्टेशनों सहित कई स्थानों पर तीर्थयात्रियों का मौके पर ही पंजीकरण की सुविधा मुहैया कराने के उपायों पर चर्चा की गई.

बैठक में इस बात पर भी चर्चा की गई कि आवश्यकता के अनुसार बालटाल, पहलगाम, नुनवान और पंथा चौक श्रीनगर में भी इन सुविधाओं को उचित रूप से बढ़ाया जाए. संबंधित विभागों द्वारा किए जा रहे विभिन्न कार्यों की प्रगति की समीक्षा करते हुए उपराज्यपाल ने यात्रा मार्ग में विभिन्न स्थानों पर पर्याप्त व्यवस्था और अपेक्षित सुविधाएं सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर बल दिया.

साथ ही श्रीनगर के पंथा चौक स्थित यात्री निवास में क्षमता बढ़ाने के लिए भी कहा. बैठक में लागू की जा रही परियोजनाओं, यात्रा से संबंधित जानकारी का प्रसार, यात्रियों, सेवा प्रदाताओं, खच्चरों को बीमा कवर, श्राइन बोर्ड द्वारा ऑनलाइन सेवाओं का विस्तार, यात्रा मार्गों को चौड़ा करने और रखरखाव पर भी चर्चा की गई.

बैठक में गुफा क्षेत्र में भीड़भाड़ कम करने के उपाय, आपदा प्रबंधन की तैयारी, हेलीकॉप्टर सेवाओं की पर्याप्त व्यवस्था, चिकित्सा देखभाल सुविधाएं, मौसम पूर्वानुमान बुनियादी ढांचे और सुरक्षा सहित अन्य मुद्दों पर भी विस्तार से चर्चा की गई.

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