उत्तर प्रदेश

सीएम योगी ने किया गोरखपुर पुस्तक महोत्सव का शुभारंभ, डिजिटल ज्ञान के साथ बच्चों का भरपूर मनोरंजन

उत्तर प्रदेश: दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में 1 नवंबर से 9 नवंबर तक चलने वाले गोरखपुर पुस्तक महोत्सव का शुभारंभ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज 1 नवंबर, शनिवार को किया. शुभारंभ समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ नेशनल बुक ट्रस्ट के अध्यक्ष प्रो. मिलिंद सुधाकर मराठे और विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. पूनम टंडन जैसे कई गणमान्य लोग मौजूद रहे.

सीएम योगी ने कहा कि यह पुस्तक महोत्सव आने वाले 9 दिनों तक 200 से अधिक स्टॉलों के माध्यम से गोरखपुर और पूर्वी उत्तर प्रदेश के लोगों को अपनी रुचि की पुस्तकें खरीदने का शानदार अवसर प्रदान करेगा. पीएम मोदी हमेशा कहते हैं जब नागरिक पढ़ते हैं तभी देश आगे बढ़ता है. गोरखपुर की भूमि इसलिए भी विशेष है क्योंकि पिछले 100 वर्षों से गीता प्रेस भारत और विश्व में सनातन धर्म की विचारधारा को अपनी पुस्तकों के माध्यम से पहुंचा रहा है.

सीएम ने कहा कि डबल इंजन की सरकार राज्यभर में पुस्तकालयों का जाल बिछा रही है. प्रदेश की 57,600 ग्राम पंचायतों में ग्राम सचिवालयों के साथ पुस्तकालय स्थापित किए गए हैं. 1.56 लाख से अधिक प्राथमिक विद्यालयों में से 1.36 लाख विद्यालयों का कायाकल्प किया गया है. इनमें पुस्तकालय और डिजिटल लाइब्रेरी की व्यवस्था की गई है.

सीएम योगी ने कहा कि धार्मिक, पर्यावरणीय, तकनीकी और एआई से जुड़ी पुस्तकों से हमें ज्ञान और प्रेरणा मिलती है. उन्होंने कहा कि हम सभी को स्मार्टफोन पर खर्च घटाकर पुस्तकों में निवेश करना चाहिए. कार्यक्रम के अंत में मुख्यमंत्री ने देवोत्थान एकादशी की चर्चा की है. (देवोत्थान एकादशी आज ही है). उन्होंने कहा कि यह शुभ अवसर भगवान विष्णु की कृपा का प्रतीक है. इसी पावन दिन पर पुस्तक महोत्सव का शुभारंभ हुआ है, यह पूरे प्रदेश के लिए शुभ संकेत है.

मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सम्मानित किया. मुख्यमंत्री इसके बाद कैंपस में प्रशिक्षण पाए 1600 छात्रों को प्रमाणपत्र वितरित करने के लिए विवि से करीब 2 किमी दूर गंभीरनाथ प्रेक्षागृह पहुंचे. यहां उन्होंने तकनीक और शिक्षा से जुड़ी नई संभावनाओं पर युवाओं से चर्चा की. कार्यक्रम में बड़ी संख्या में छात्र शामिल हुए.

वहीं इन दोनों कार्यक्रम के पहले सीएम योगी ने गोरखनाथ मंदिर में जनता दरबार में करीब 200 लोगों की समस्याएं सुनीं. अधिकारियों को निर्देश दिया कि समस्याओं के निराकरण में शीघ्रता करें. हर बार की तरह इस बार भी जनता दर्शन में कई लोग गंभीर बीमारियों के उपचार के लिए आर्थिक मदद की गुहार लेकर पहुंचे थे. मुख्यमंत्री ने कहा कि धन के अभाव में किसी का इलाज नहीं रुकेगा. उन्होंने अधिकारियों से इस्टीमेट बनाकर देने के लिए कहा.

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