उत्तराखंड: ऐतिहासिक और धार्मिक नंदादेवी मेले का आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अल्मोड़ा पहुंच कर उद्घाटन करना था, लेकिन मौसम की खराबी के कारण वह अल्मोड़ा नहीं पहुंच पाए. उन्होंने मेले का उद्घाटन वर्चुअल किया. मेले का औपचारिक उद्घाटन केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्य मंत्री और अल्मोड़ा सांसद अजय टम्टा ने किया.
मेले का वर्चुअल उद्घाटन करते हुए मुख्यमंत्री धामी ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि नंदादेवी मेला सिर्फ धार्मिक आयोजन नहीं बल्कि आर्थिक, सांस्कृतिक और सामाजिक सशक्तिकरण का भी है. इस मौके पर उन्होंने प्रदेशवासियों को बधाई देते हुए कहा कि यह मेला हमारी लोक आस्था, संस्कृति और पहचान का प्रतीक है. मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि 2026 में आयोजित होने वाली मां नंदा राजजात यात्रा को भव्य रूप में मनाने के लिए तैयारियां शुरू कर दी गई है.
LIVE: अल्मोड़ा में आयोजित माँ नन्दा देवी मेले का शुभारम्भ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए
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12 वर्ष में एक बार आयोजित होने वाली इस यात्रा को दिव्य और भव्य बनाने में हमारी सरकार कोई भी कोर-कसर नहीं छोड़ेगी. मानसखंड पर्वत माला मिशन के तहत कुमाऊं क्षेत्र के पौराणिक मंदिरों के पुनरुत्थान एवं सौंदर्यीकरण हेतु प्रयास कर रहे हैं. जागेश्वर में मंदिर परिसर के मूल स्वरुप को संरक्षित रखते हुए मास्टर प्लान के अनुसार सौंदर्यीकरण के लिए प्रथम चरण में सरकार द्वारा 146 करोड़ रुपए की धनराशि स्वीकृत की जा चुकी है. वहीं दूसरे चरण के विकास कार्यों की भी स्वीकृति प्रदान कर दी गई है.
मुख्यमंत्री धामी ने घोषणा की कि मां नंदा देवी के ऐतिहासिक मंदिर का पुनर्निर्माण एवं सौंदर्यीकरण कार्य पारंपरिक पर्वतीय शैली के अनुरूप वृहद रूप से किया जाएगा. सरकार डीनापानी में नंदादेवी हस्तशिल्प ग्राम की स्थापना भी करेगी. सीएम ने कहा कि सरकार देवभूमि के सांस्कृतिक मूल्यों और डेमोग्राफी को संरक्षित रखने के लिए संकल्पबद्ध होकर काम कर रही है. करीब 250 अवैध मदरसों को सील करने के साथ ही 500 से अधिक अवैध संरचनाओं को भी हटाया है.
देवभूमि उत्तराखंड की लोकआस्था एवं संस्कृति के प्रतीक मां नंदा देवी मेला, अल्मोड़ा-2025 का शुभारंभ किया। यह सिर्फ धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि आर्थिक, सांस्कृतिक और सामाजिक सशक्तिकरण का भी मंच है।
आज आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी के नेतृत्व में भारत की गौरवशाली… pic.twitter.com/YgNnhVkNjB
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नंदा देवी मेला के उद्घाटन से पूर्व नगर के विभिन्न स्कूलों के बच्चों ने मां नंदा-सुनंदा के जयकारों के साथ भव्य सांस्कृतिक शोभायात्रा निकाली. जिससे शहर मां नंदा की जय जयकार गूंज उठा. मां नंदा सुनंदा की भव्य झांकियों के साथ सांस्कृतिक शोभायात्रा राजा आनंद सिंह राजकीय बालिका इंटर कॉलेज से प्रारंभ होकर मॉल रोड, मुख्य बाजार होते हुए नंदादेवी मंदिर प्रांगण तक निकाला गया.
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्य मंत्री अजय टम्टा ने सीएम घोषणा के तहत नगर में 69.82 लाख रुपए से निर्मित मुंशी हरिप्रसाद टम्टा धर्मशाला एवं क्राफ्ट म्यूजियम केंद्र और बेस अस्पताल में 30 बेड वाले राजकीय नशा मुक्ति केंद्र का विधिवत शुभारंभ किया.
कुमाऊं की कुलदेवी मां नंदा-सुनंदा के महोत्सव का शुभारंभ नैनीताल में भी धूमधाम से हुआ. सांसद अजय भट्ट, एसएसपी प्रहलाद नारायण मीणा और विधायक सरिता आर्या ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर वेद मंत्रों के उच्चारण के बीच महोत्सव का उद्घाटन किया.
उद्घाटन के बाद परंपरा के अनुसार, नैनीताल से एक दल कदली वृक्ष (केले का पेड़) लेने के लिए ज्योलिकोट के चोपड़ा गांव रवाना हुआ. धार्मिक मान्यता है कि इन्हीं वृक्षों से मां नंदा-सुनंदा की प्रतिमा का निर्माण किया जाता है. विशेष बात यह है कि जहां से वृक्ष काटा जाता है, वहां राम सेवक सभा द्वारा 21 नए पेड़ों को लगाया जाता है, जो पर्यावरण संरक्षण का संदेश देता है. रात भर गांव में केले के पेड़ों की पूजा होती है. अगले दिन कदली वृक्षों को नैनीताल लाया जाता है, जिसका महिलाएं पारंपरिक वेशभूषा में स्वागत करती है.
इस दौरान दल के चोपड़ा गांव के रवान होने के दौरान जगह-जगह श्रद्धालु दर्शन के लिए खड़े दिखाई दिए. इस अवसर पर भव्य शोभायात्रा का आयोजन हुआ. जिसमें स्कूली छात्राओं और महिलाओं ने पारंपरिक परिधानों में कलश यात्रा निकाली. कदली वृक्षों की शोभायात्रा तल्लीताल से मॉल रोड होते हुए नगर भ्रमण करती हुई नयना देवी मंदिर पहुंची. जहां इन्हीं वृक्षों से मां की प्रतिमा का निर्माण किया जाएगा.
माना जाता है कि चंद राजवंश के समय से ही मां नंदा-सुनंदा को कुमाऊं की कुलदेवी के रूप में पूजा जाता रहा है. आस्था है कि साल में एक बार मां अपने मायके, यानी कुमाऊं आती हैं. अष्टमी के दिन प्रतिमाओं की प्राण-प्रतिष्ठा के साथ यह विश्वास किया जाता है कि मां नंदा-सुनंदा अपने मायके पहुंच चुकी हैं.