उत्तराखंड

दीपावली पर आपदा प्रभावितों के बीच पहुंचे सीएम धामी, हर संभव मदद का दिया आश्वासन

उत्तराखंड: राजधानी देहरादून में 15 और 16 सितंबर को बादल फटने की वजह से भारी तबाही हुई थी. सहस्त्रधारा से लगभग 5 किलोमीटर दूर कार्लीगाड़ गांव में बादल फटने की वजह से स्थानीय लोगों को काफी अधिक नुकसान पहुंचा है. ऐसे में दीपावली त्यौहार के अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुद आपदा प्रभावित क्षेत्र में पहुंचे, जहां उन्होंने आपदा प्रभावितों से न सिर्फ बातचीत की, बल्कि क्षेत्र में चल रहे पुनर्निर्माण के कार्यों का निरीक्षण भी किया.

मुख्यमंत्री ने मौके पर अधिकारियों को इस बाबत निर्देश भी दिए कि जल्द से जल्द से जल्द पुनर्निर्माण के कार्यों को पूरा किया जाए ताकि प्रभावितों का जीवन सामान्य हो सके. मझाड़ा और कार्लीगाड़ गांव समेत आसपास के क्षेत्रों में बादल फटने की वजह से भारी तबाही हुई थी. आपदा को आए एक महीने का वक्त बीच चुका है, लेकिन अभी तक आपदा प्रभावितों का जीवन पटरी पर नहीं लौट पाया है. हालही में ईटीवी भारत की टीम ने दीपावली त्यौहार को लेकर आपदा प्रभावितों से बातचीत की थी. इस दौरान आपदा प्रभावितों ने ईटीवी भारत से अपने दर्द को साझा किया था और बताया था कि कैसे आपदा ने उनका सब कुछ बर्बाद कर दिया. फिलहाल तो उनके लिए सबसे जरूरी अपने घरों को दुरुस्त करना है.

यही नहीं, कुछ ग्रामीणों का कहना था कि उन्हें दीपावली त्यौहार की कोई खुशी नहीं है. क्योंकि इस साल उन्हें बर्बादी के अलावा कुछ नहीं मिला. ऐसे में दीपावली त्यौहार के दिन खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आपदा प्रभावित क्षेत्र में पहुंचे, जहां उन्होंने प्रभावितों से बातचीत कर उनकी समस्याओं को जाना. साथ ही आपदा प्रभावित क्षेत्र में चल रहे पुनर्निर्माण के कार्यों का निरीक्षण भी किया.

दरअसल, 15 और 16 सितंबर को आई आपदा में न सिर्फ लोगों के घर बार बर्बाद हुए थे, बल्कि कई परिवारों ने अपने परिजनों को भी खोया है. कई परिवार तो ऐसे है, जिनके पास सिर छुपाने तक भी जगह नहीं बची है. इसीलिए दीपावली पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इन लोगों के बीच पहुंचे और उन्हें हर संभव मदद का भरोसा देते हुए उनकी परेशानी को समझा.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि मझाड़ा और कार्लीगाड़ गांव समेत अन्य क्षेत्रों में भारी बारिश, बादल फटने और लैंडस्लाइड की वजह से काफी अधिक नुकसान हुआ है. इस आपदा की वजह से भारी जनहानि के साथ ही लोगों के मकान, सड़कों और पुलों को काफी अधिक नुकसान पहुंचा है. सरकार की प्राथमिकता है कि इन लोगों तक राहत पहुंचे, इसीलिए अधिकारियों को इस संबंध में दिशा-निर्देश दिए गए है.

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