उत्तराखंड: विश्व की योगनगरी ऋषिकेश में सरस आजीविका मेले का आयोजन किया गया. ताकि आर्थिक गतिविधियों के जरिए लोगों की आय को बढ़ाया जा सके. आयोजित मेले में सीएम धामी ने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के क्लस्टर स्तरीय फेडरेशन (सीएलएफ) के लिए 1.20 करोड़ रुपए की 12 आर्थिक गतिविधियों का लोकार्पण किया. इसके साथ ही सीएम ने 10 अन्य सीएलएफ के लिए 1 करोड़ रुपये की प्रस्तावित आर्थिक गतिविधियों का शिलान्यास भी किया.
उन्होंने इस मेले में स्वयं सहायता समूहों की ओर से लगाए गए स्टॉल ‘स्वदेशी अपनाओ’ के उस संदेश को आगे बढ़ा रहे हैं, जिसमें हमें अपने गांव, अपने प्रदेश और अपने देश में बने उत्पादों को प्राथमिकता देने का संकल्प लेना है. सीएम ने कहा कि जब हम स्वदेशी उत्पाद खरीदते हैं तो वो सिर्फ एक सामान की खरीद नहीं होती, बल्कि वो हमारे ग्रामीण कारीगरों, मातृशक्ति और उद्यमियों के सपनों में निवेश होता है. इसलिए स्वदेशी अपनाना न केवल हमारी संस्कृति और परंपरा को जीवित रखता है, बल्कि यह हमारे किसानों, हस्तशिल्पियों और स्थानीय उद्यमियों की आजीविका को भी सुरक्षित करता है.
सरकार महिला किसानों को भी सशक्त बनाने के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है. हमने फार्म लाइवलीहुड और महिला किसान सशक्तिकरण योजना के तहत राज्य की लगभग 3 लाख से अधिक महिला किसानों की क्षमता और कौशल का विकास करने का काम किया है. इसके अलावा, 2.5 लाख एग्री न्यूट्री गार्डन और किचन गार्डन की स्थापना की है और लगभग 500 फार्म मशीनरी बैंक भी उपलब्ध कराए हैं. इतना ही नहीं, सरकार राज्य की 5 हजार से अधिक महिला किसानों को आर्गेनिक खेती से जोड़ने का कार्य भी कर रही है. इन सभी प्रयासों के माध्यम से आज हमारे प्रदेश की महिलाओं की आर्थिक स्थिति में सुधार आया है. आज मातृशक्ति आत्मनिर्भरता की नई कहानी लिख रही हैं, जो इस सरस मेले में भी स्पष्ट रूप से परिलक्षित हो रहा है.