उत्तराखंड: केदारनाथ धाम में रक्षाबंधन से एक दिन पहले आयोजित होने वाले भतूज पूर्णिमा पर्व को धूमधाम से मनाया गया. भतूज के पर्व के अवसर पर भगवान केदारनाथ के स्वयंभू शिवलिंग को मध्याहन रात्रि को नये अनाज अर्थात धान समेत पके चावलों से ढका गया, जिसके बाद श्रद्वालुओं ने मंदिर के दर्शन किए. ब्रह्म मुहुर्त में इन पके चावलों को मंदाकिनी नदी में प्रवाहित किया गया. ऐसी मान्यता है कि श्रावण माह में लोक कल्याण के लिए भगवान शिव नये अनाज से विष का शमन करते हैं.
बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने श्रद्धालुओं को भतूज पर्व एवं रक्षाबंधन की शुभकामनाएं दी. उन्होंने कहा कि रक्षाबंधन का पर्व सबके जीवन में सुख समृद्धि लाए. बीकेटीसी उपाध्यक्ष ऋषि प्रसाद सती तथा उपाध्यक्ष विजय कप्रवाण, मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल ने भी तीर्थयात्रियों को भतूज तथा रक्षाबंधन की बधाई दी. भतूज पर्व को लेकर केदारनाथ धाम में उत्साह देखने को मिला. बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डॉक्टर हरीश गौड़ ने बताया कि हल्की बारिश के बीच केदारनाथ में मौजूद तीर्थ यात्री मंदिर में दर्शन कर रहे हैं. बताया कि मध्य रात्रि को पंचगाई हक हकूक धारियों ने नये अनाज अर्थात नवधान्य स्थानीय अनाज, कोणी, झंगोरा तथा नये धान के चावलों का पका भोग पूजा-अर्चना के पश्चात भगवान आशुतोष शिव को समर्पित किया.
जिसके बाद ब्रह्म मुहूर्त को इस पके अनाज के भोग को स्वयंभू शिवलिंग से उतारकर मंदाकिनी नदी में प्रवाहित किया गया. भतूज पर्व के अवसर पर केदार सभा अध्यक्ष राजकुमार तिवारी, तीर्थ पुरोहित संतोष त्रिवेदी, पंचगाई हक-हकूकधारी तीर्थ पुरोहित समिति अध्यक्ष धर्मेद्र तिवारी, राकेश तिवारी, राकेश त्रिवेदी, उमेश शुक्ला सहित पुजारी बागेश लिंग, प्रभारी अधिकारी गिरीश देवली, सहायक प्रभारी अधिकारी यदुवीर पुष्पवान, धर्माचार्य औंकार शुक्ला, उमेश शुक्ला, संजय तिवारी, पारेश्वर त्रिवेदी, ललित त्रिवेदी, सूरज नेगी आदि मौजूद रहे.
गौर हो कि बाबा केदार के धाम में रक्षाबंधन पर्व से एक दिन पहले भतूज यानी अन्नकूट उत्सव मनाया जाता है. भतूज पर्व को लेकर मंदिर को सजाया गया. धान के चावलों के पके भोग से भगवान केदारनाथ के स्वयंभू शिवलिंग को ढका जाता है. जिसे रात भर छोड़ दिया जाता है. सुबह के समय उन पके चावलों को मंदाकिनी नदी में प्रवाहित कर लिया जाता है. बता दें कि केदारनाथ में रुक-रुक कर बारिश का दौर जारी है. इसके बाद भी श्रद्धालु बड़ी तादाद में बाबा के दर्शन करने पहुंच रहे हैं. वहीं भारी बारिश से केदारनाथ पैदल मार्ग लगातार बाधित हो रहा है. मार्ग बाधित होने पर प्रशासन द्वारा यात्रा को अस्थायी रूप से रोका जा रहा है. मार्ग दुरुस्त होने पर श्रद्धालुओं को आगे भेजा जा रहा है.