उत्तर प्रदेश

अयोध्या में दक्षिण भारत के तीन संतों की मूर्तियों का अनावरण, वित्त मंत्री बोलीं- भारत की उत्तर-दक्षिण परंपरा एक सूत्र में बंधी

उत्तर प्रदेश: उत्तर और दक्षिण भारत की सांस्कृतिक एकता का अद्भुत संगम बुधवार को अयोध्या की पावन भूमि पर देखने को मिला. दो दिवसीय दौरे पर पहुंचीं केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ मिलकर दक्षिण भारत के तीन महान संगीत संतों त्यागराज स्वामीगल, पुरंदर दास और अरुणाचल कवि की मूर्तियों का बृहस्पति कुंड में भव्य अनावरण किया.

टेढ़ी बाजार स्थित बृहस्पति कुंड का वातावरण उस समय भक्तिरस और संगीत की पवित्र भावना से सरोबार हो उठा. जब केंद्रीय मंत्री और मुख्यमंत्री ने दक्षिण भारतीय परंपरा के अनुसार पूजा-अर्चना कर अनावरण समारोह की शुरुआत की. इस दौरान सीतारमण के माता-पिता भी मौजूद रहे, जिससे यह पल और भी भावनात्मक हो गया.

मुख्यमंत्री ने केंद्रीय वित्त मंत्री का पुष्पगुच्छ भेंट कर पारंपरिक अयोध्या शैली में स्वागत किया. उन्होंने कहा कि बृहस्पति कुंड केवल एक ऐतिहासिक स्थल नहीं, बल्कि सांस्कृतिक समरसता का प्रतीक है. जहां उत्तर भारत की श्रद्धा और दक्षिण भारत की भक्ति का संगम होता है.

समारोह को संबोधित करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि अयोध्या केवल आस्था का केंद्र नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक आत्मा का प्रतीक है. त्यागराज स्वामीगल, पुरंदर दास और अरुणाचल कवि ने भारतीय शास्त्रीय संगीत और भक्ति परंपरा को विश्व पटल पर स्थापित किया. उनके काव्य और रचनाओं ने समाज को प्रेम, भक्ति और एकता के सूत्र में पिरोया. अयोध्या और कर्नाटक के सांस्कृतिक संबंध सदियों पुराने हैं. आज इन संतों की मूर्तियों के अनावरण के माध्यम से भारत की उत्तर-दक्षिण परंपरा एक सूत्र में बंधी है.

इस अवसर पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि श्रीराम की नगरी अयोध्या अब केवल आध्यात्मिक ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक पुनर्जागरण की केंद्रस्थली बन रही है. निर्मला सीतारमण का यह दौरा भारत की सांस्कृतिक एकता और समरसता का सशक्त प्रतीक है. उन्होंने कहा कि दक्षिण भारत में भगवान राम को अपना सबसे विश्वसनीय सखा अगर कोई प्राप्त हुआ था तो वे श्री हनुमान जी थे. अयोध्या धाम में सुग्रीव जी का किला भी है, माता शबरी की भी प्रतिमा स्थापित हो रही है और निषादराज को भी सम्मान दिया जा रहा है. प्रधानमंत्री की प्रेरणा से ‘अयोध्या धाम’ में जगद्गुरु रामानुजाचार्य जी की प्रतिमा की स्थापना का कार्यक्रम संपन्न हुआ था. भगवान राम के सर्वाधिक भक्ति गीतों को गाने वालीं लता मंगेशकर जी के नाम पर चौक की स्थापना की गई है. दक्षिण भारत के तीन पूज्य संतों की प्रतिमा का ऐसे पवित्र स्थल पर अनावरण, उनकी मूर्तियों को स्थापित करने का हमें सौभाग्य प्राप्त हुआ, जो देवताओं के गुरु बृहस्पति जी के नाम पर माना जाने वाला पवित्र कुंड है.

इससे पहले बृहस्पति कुंड परिसर में स्थापित सुंदर पत्थर की बेंचों पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, वित्त मंत्री सुरेश खन्ना और पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह कुछ देर के लिए विराम लेते हुए बैठे. शांत सरोवर, मधुर वातावरण और सुव्यवस्थित परिसर को निहारते हुए तीनों जनप्रतिनिधियों ने उस पल में अयोध्या की सौंदर्य व सांस्कृतिक गरिमा का आनंद अनुभव किया. मुख्यमंत्री ने बेंचों की कलात्मक बनावट और परिसर के सौंदर्यीकरण की सराहना करते हुए कहा कि बृहस्पति कुंड अब श्रद्धा और सौंदर्य का आदर्श संगम बन चुका है

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