गाजियाबाद: हर साल की तरह इस बार भी बारिश के बाद डेंगू का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है. डेंगू के बढ़ते मामलों को देख स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से अलर्ट मोड पर है. स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक इस साल गाजियाबाद में डेंगू के अब तक 105 मामले सामने आ चुके हैं.
बीते एक सप्ताह में गाजियाबाद में डेंगू के 24 नए मामले सामने आए हैं. फिलहाल, गाजियाबाद में विभिन्न अस्पतालों में डेंगू के 8 मरीज भर्ती हैं. हालांकि, स्वास्थ्य विभाग दावा कर रहा है कि डेंगू का प्रकोप बढ़ने से पहले ही अलग-अलग टीमों को अलर्ट कर दिया गया था जिसके चलते गाजियाबाद में स्थिति नियंत्रण में है.
डेंगू को लेकर गाजियाबाद के अलग-अलग इलाकों में स्वास्थ्य विभाग द्वारा सर्वे करने की बात कही जा रही है. वहीं, गाजियाबाद में इस साल मलेरिया के कुल 65 मामले सामने आए हैं. गाजियाबाद के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अखिलेश मोहन के मुताबिक़, “जिले में डेंगू के मामले सामने आ रहे हैं लेकिन किसी एक इलाके से एक से ज्यादा मामला सामने नहीं आया है. फिलहाल, जिले में डेंगू का कोई भी हॉटस्पॉट एक्टिव नहीं है. डेंगू के आठ मरीज विभिन्न अस्पतालों में भर्ती हैं. मौजूदा समय में गाजियाबाद में 75 डीबीसी (डोमेस्टिक ब्रीडर चेकर) लगाई गई है. आशा और एएनएम की भी ड्यूटी लगाई गई है. जिले में तकरीबन डेढ़ हजार आशा और एएनएम एक्टिव है.
अधिकारियों का कहना है कि डेंगू को लेकर स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से अलर्ट है. बीते एक महीने में एक लाख से अधिक घरों का सर्वे किया जा चुका है. सर्वे के दौरान न सिर्फ़ घरों में डेंगू के लार्वा की जाँच की गई है बल्कि लोगों को डेंगू से बचाव को लेकर भी जागरूक किया गया. ज़िले में 75 डोमेस्टिक ब्रीडर चेकर, तक़रीबन डेढ़ हज़ार आशा और ANM द्वारा ज़िले के विभिन्न क्षेत्रों में जाकर सर्वे किया जा रहा है. विशेष तौर पर ऐसे तमाम क्षेत्रों को प्राथमिकता दी जा रही है जहाँ बीते वर्षों में डेंगू के हॉट स्पॉट मिले हैं.
डेंगू पॉजिटिव मरीज मिलने पर स्वास्थ्य विभाग उठा रही ये कदम
स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि जिस क्षेत्र में डेंगू का पॉजिटिव मरीज मिलता है वहां पर स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंचती है. जिस घर में डेंगू का मरीज मिलता है उसे घर के दोनों तरफ 50-50 घरों तक फॉगिंग आदि समेत अन्य कार्रवाई अमल में लाई जाती है. जिससे कि किसी भी तरह से डेंगू का प्रकोप को न फैल सके. जहां भी डेंगू का लारवा मिल रहा है उसे नष्ट करने का स्वास्थ्य विभाग द्वारा काम किया जा रहा है. स्कूल कॉलेज आदि में भी स्वास्थ्य विभाग द्वारा विभिन्न प्रकार के जागरूकता कार्यक्रमों का संचालन किया जा रहा है. जिससे कि अधिक से अधिक लोगों को डेंगू के प्रति जागरूक किया जा सके.
गाजियाबाद स्वास्थ्य विभाग द्वारा ऐसे क्षेत्रों को चिन्हित किया गया था जहां पर किसी एक क्षेत्र में पांच से अधिक डेंगू के मामले सामने आए थे. ऐसे क्षेत्रों को डेंगू हॉटस्पॉट मानते हुए लगातार फॉगिंग आदि की कार्रवाई सुनिश्चित की गई. स्वास्थ्य विभाग की टीमों द्वारा विशेष तौर पर इन इलाकों में जाकर लार्वा आदि मिलने पर नष्ट कराया गया. अधिकारियों का कहना है डेंगू के केवल ऐसे मरीजों को भर्ती करने की आवश्यकता पड़ रही है जो कि पहले से किसी और गंभीर बीमारी से ग्रसित है. अन्यथा बाकी तमाम लोग घर पर ही सामान्य उपचार लेकर ठीक हो रहे हैं.
देखा जाता है कि डेंगू का लक्षण नजर आने पर लोग घर पर ही घरेलू उपचार करते हैं या फिर खुद से ही दवाई ले लेते हैं. जो कि कई बार जानलेवा साबित हो सकता है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि डेंगू का कोई भी लक्षण नजर आने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं. घर पर खुद से इलाज करना या फिर किसी तरह की लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है. डेंगू में प्लेटलेट्स की संख्या तेजी से गिर सकती है जिससे अंदरूनी रक्त रसव होने का खतरा बढ़ा रहता है.