दिल्ली: शाहदरा ज़िले के गांधीनगर विधानसभा स्थित डी.ए.वी. क्रमांक-1 विद्यालय में दिनांक 18 सितंबर को भगवान विश्वकर्मा दिवस एवं भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी का जन्मदिवस बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन और सरस्वती वंदना से हुआ. इस अवसर पर मुख्य अतिथि गीता स्कूल सुल्तानपुरी के उपप्रधानाचार्य ओमपाल यादव, विद्यालय अध्यक्ष नरेश शर्मा, प्रबंधक गिरजेश रुस्तगी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ दिल्ली प्रांत के सह बौद्धिक प्रमुख सतीश शर्मा, सुनील जैन, रमेश कुमार, श्रीमती बलविंदर कौर, हिंदी प्रवक्ता आशुतोष और राकेश सहरावत सहित अनेक गणमान्य अतिथि मौजूद रहे. मंच संचालन का दायित्व आशुतोष ने निभाया.
कार्यक्रम में विद्यालय अध्यक्ष द्वारा ओमपाल यादव को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया. इसके उपरांत राकेश सहरावत द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जीवन से जुड़े तथ्यों पर प्रश्नोत्तरी का आयोजन किया गया, जिसमें छात्रों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और देश के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त की. इसी क्रम में नरेश चौहान ने प्रधानमंत्री मोदी के बचपन से लेकर वर्तमान तक की यात्रा का विस्तृत उल्लेख करते हुए छात्रों को प्रेरित किया कि वे भी कठिन परिश्रम और देशभक्ति की भावना के साथ आगे बढ़ें.
भगवान विश्वकर्मा के जीवन व योगदान पर प्रकाश डालते हुए बताया गया कि वे निर्माण, वास्तुकला और तकनीकी कौशल के देवता माने जाते हैं. उनके द्वारा रचित दिव्य निर्माणों—जैसे इंद्रपुरी, द्वारका नगरी, पुष्पक विमान, सुदर्शन चक्र और शिवजी का त्रिशूल—की चर्चा की गई.
राष्ट्रीयस्वयंसेवक संघ के सह बौद्धिक प्रमुख सतीश शर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा कि भगवान विश्वकर्मा केवल धार्मिक प्रतीक ही नहीं बल्कि ज्ञान, तकनीक और सृजनात्मकता के भी प्रतीक हैं. उन्होंने कहा कि “सृजन ही जीवन का मूल है. और प्रत्येक कार्य अगर श्रद्धा और निष्ठा से किया जाए तो वह ईश्वर की उपासना बन जाता है.” यह विचार छात्रों में विशेष उत्साह और प्रेरणा का स्रोत बने.
विद्यालय अध्यक्ष ने छात्रों की खेल उपलब्धियों पर प्रसन्नता व्यक्त की. योगासन प्रतियोगिता में द्वितीय और कबड्डी प्रतियोगिता में तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को उन्होंने प्रोत्साहित किया तथा पीटीआई श्री हिमांशु के प्रयासों की सराहना की. श्री ओ.पी. यादव ने अपने वक्तव्य में विद्यालय से जुड़ी स्मृतियों को साझा किया और छात्रों की कमी नए विद्यालय में महसूस होने की बात कही. उन्होंने एक शेर सुनाकर अपनी भावनाएँ व्यक्त कीं—“उजाला अपनी यादों का हमारे दिल में रहने दो, न जाने कब ज़िंदगी की शाम हो जाए.
विद्यालय प्रबंधक गिरजेश रुस्तगी ने घोषणा की कि जो भी छात्र 90% से अधिक अंक प्राप्त करेंगे उन्हें विद्यालय से अतिरिक्त सुविधाएँ दी जाएँगी और सम्मानित किया जाएगा. साथ ही उन्होंने शिक्षकों के हितों की रक्षा का आश्वासन भी दिया. समारोह के समापन पर सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया गया और छात्रों को शिक्षा एवं खेल दोनों में निरंतर प्रगति करने का संदेश दिया गया.