दिल्ली: उपराष्ट्रपति चुनाव 2025 के लिए नामांकन का दौर जारी है. विपक्षी दलों (इंडिया ब्लॉक) के उम्मीदवार और सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस बी सुदर्शन रेड्डी ने आज गुरुवार को अपना नामांकन दाखिल कर दिया. उन्होंने अब से कुछ देर पहले ही नामांकन किया.
इस अवसर पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राज्यसभा सदस्य और यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, वायनाड से कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा समेत तमाम विपक्षी दलों के नेता उपस्थित रहे. वहीं, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के कैंडीडेट और महाराष्ट्र के गवर्नर सीपी राधाकृष्णन ने बुधवार को नामांकन दाखिल किया था.
#WATCH | INDIA alliance Vice-Presidential nominee, former Supreme Court Judge B Sudershan Reddy files his nomination in the presence of Congress president-Rajya Sabha LoP Mallikarjun Kharge, Congress Parliamentary Party Chairperson Sonia Gandhi and Lok Sabha LoP Rahul Gandhi.… pic.twitter.com/Xxg6KX2ncQ
— ANI (@ANI) August 21, 2025
नामांकन दाखिल करने से पहले सुदर्शन रेड्डी ने प्रेरणा स्थल पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की. उसके बाद उन्होंने कहा कि बेशक, संख्याएं मायने रखती हैं, लेकिन मुझे उम्मीद है. उन्होंने कहा कि चूंकि मैं किसी राजनीतिक दल से नहीं हूं, इसलिए मुझे विश्वास है कि सभी दल मेरा समर्थन करेंगे. मैंने कल बुधवार को यह बात बिल्कुल स्पष्ट कर दी थी. यह सिर्फ विचारधारा की लड़ाई है.
बता दें, दोनों उम्मीदवार दक्षिण भारत राज्यों से आते हैं. ऐसे में जो भी उम्मीदवार जीतेगा, वह दक्षिण का प्रतिनिधित्व करेगा. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बुधवार को बी सुदर्शन का घटक दलों के सभी नेताओं से परिचय कराया. सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस रेड्डी को इस हफ्ते की शुरुआत में विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार के रूप में घोषित किया गया था. उनका मुकाबला एनडीए उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन से होगा. सुदर्शन के नामांकन के समय संसद में दौरान विपक्षी दलों के नेताओं के भी उनके साथ रहने की उम्मीद है.
इससे पहले, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुधवार को कहा कि उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश बी सुदर्शन रेड्डी का नामांकन राज्यसभा के कामकाज में ‘निष्पक्षता, निष्पक्षता और गरिमा’ बहाल करने के लिए विपक्ष की दृढ़ प्रतिबद्धता है. संविधान सदन के सेंट्रल हॉल में इंडिया ब्लॉक के सदस्यों को संबोधित करते हुए खड़गे ने कहा कि विपक्षी सदस्यों को उच्च सदन में महत्वपूर्ण सार्वजनिक चिंता के मामलों को उठाने का अवसर नहीं दिया गया है और इस ‘उल्लंघन’ से बचने के लिए सुदर्शन रेड्डी का निर्वाचित होना महत्वपूर्ण है.
खड़गे ने आगे कहा कि संसद में, हमने विपक्ष की आवाजों को दबाने का एक बढ़ता चलन देखा है. हमें सदन में महत्वपूर्ण जनहित के मुद्दों को उठाने का बार-बार अवसर नहीं दिया जाता. संसद में इन उल्लंघनों का विरोध करने और उनके विरुद्ध निर्णायक कार्रवाई करने के लिए, देश को भारत के उपराष्ट्रपति के रूप में एक अनुकरणीय, निष्पक्ष न्यायमूर्ति बी. सुदर्शन रेड्डी की आवश्यकता है. उनका नामांकन भारत को परिभाषित करने वाले लोकतांत्रिक आदर्शों की रक्षा और उन्हें बनाए रखने के हमारे सामूहिक संकल्प का प्रतिनिधित्व करता है.