दिल्ली: गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति और वार्षिक अमरनाथ यात्रा की व्यवस्थाओं की समीक्षा के लिए गुरुवार देर रात यहां एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार और जम्मू-कश्मीर प्रशासन वार्षिक अमरनाथ यात्रा के तीर्थयात्रियों को सभी आवश्यक सुविधाएं प्रदान करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा.
बता दें, श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड की घोषणा के अनुसार, इस बार दक्षिण कश्मीर में 3,880 मीटर ऊंचे पवित्र गुफा मंदिर की 38 दिवसीय तीर्थयात्रा 3 जुलाई से शुरू होकर 9 अगस्त को समाप्त होगी. अमित शाह ने सोशल मीडिया ‘एक्स’ पर इसको लेकर एक पोस्ट भी किया है. उन्होंने अधिकारियों को अत्यधिक सतर्कता बरतने तथा पवित्र यात्रा को निर्बाध रूप से संपन्न कराने के निर्देश भी दिए. बैठक में शाह ने जम्मू-कश्मीर की समग्र सुरक्षा स्थिति की भी समीक्षा की.
Chaired a review meeting for the Amarnath Pilgrimage and evaluated the security arrangements and preparedness meant for the pilgrims. Instructed to maintain the utmost vigilance and ensure the seamless completion of the sacred journey.
Central govt and J&K administration will… pic.twitter.com/b8auExp7ID
— Amit Shah (@AmitShah) May 29, 2025
इससे पहले अधिकारियों ने बताया कि कड़ी सुरक्षा के बीच गृह मंत्री शाह जम्मू-कश्मीर के हालात का आकलन करने और पुंछ में प्रभावित लोगों से मिलने के लिए गुरुवार शाम यहां पहुंचे. ऑपरेशन सिंदूर के बाद यह उनकी केंद्र शासित प्रदेश की पहली यात्रा है. उन्होंने बताया कि जम्मू क्षेत्र में अपने दो दिवसीय दौरे के दौरान शाह शुक्रवार को धार्मिक स्थलों का भी दौरा करेंगे और जिले में गोलाबारी से प्रभावित लोगों और बीएसएफ कर्मियों से मुलाकात करेंगे. जानकारी के मुताबिक 7 से 10 मई के बीच पाकिस्तानी गोलाबारी और ड्रोन हमलों के दौरान इस जिले में सबसे ज्यादा नागरिक हताहत हुए हैं. कुल 28 मौतों में से 14 नागरिक इसी जिले में मारे गए हैं.
अमरनाथ यात्रा 2025 के बारे में बात करें तो यह दो मार्गों से की जा सकती है. पहली दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले में पहलगाम के माध्यम से पारंपरिक 48 किलोमीटर का मार्ग और दूसरा मध्य कश्मीर के गंदेरबल जिले में 14 किलोमीटर लंबा. यह बालटाल मार्ग छोटा है लेकिन यह अधिक खड़ी चढ़ाई वाला है. सुरक्षा की दृष्टि से इस बार केंद्र ने वार्षिक अमरनाथ यात्रा के लिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) के लगभग 42,000 जमीनी कर्मियों वाली 580 कंपनियों की तैनाती का आदेश दिया है.
उन्होंने बताया कि 424 कंपनियों को केंद्र शासित प्रदेश भेजा जा रहा है, जबकि बाकी कंपनियों को, जिनमें ऑपरेशन सिंदूर के दौरान जम्मू-कश्मीर में गई करीब 80 कंपनियां शामिल हैं.